अजित पवार पर बीजेपी में फूट, खडसे बोले- घोटालों के आरोपी से समर्थन लेना ठीक नहीं था
महाराष्ट्र में एक बार फिर ठाकरे आला रे की गूंज सुनाई दे रही है. फडणवीस सरकार गिरने के बाद अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनेगी सरकार,कल शाम 6.40 बजे होगा शपथग्रहण.
मुंबई: सरकार के लिए अजित पवार से समर्थन लेने पर पहली बार बीजेपी के अंदर से विरोध की आवाज उठी है. महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे ने कहा है कि बीजेपी को अजित पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था. एकनाथ खडसे ने कहा है कि अजित पवार पर घोटाले के गंभीर आरोप थे, ऐसे में ये फैसला ठीक नहीं था.
खड़से ने कहा, ''मेरा व्यक्तिगत विचार है कि बीजेपी को अजित पवार से समर्थन नहीं लेना चाहिए था. वो एक बड़े सिंचाई घोटाले में आरोपी हैं और कई आरोपों का सामना कर रहे हैं. इसलिए हमें उनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था.''
Senior BJP leader Eknath Khadse: My personal opinion is that BJP should not have taken support of Ajit Dada Pawar. He is an accused in the massive irrigation scam and faces many allegations, so we should not have allied with him pic.twitter.com/fjzhmikpDW
— ANI (@ANI) November 27, 2019
इसके साथ ही खडसे ने कहा, ''जब जब जो जो होना है, तब तब सो सो होता है. मैंने बहुत दिन पहले बताया था कि कालाय तस्मै नम: यानी जैसा समय आता है वैसी घटनाएं घट जाती हैं. उद्धव ठाकरे को नया मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देता हूं, मुझे अपेक्षा है कि वो एक स्थिर सरकार देंगे. महाराष्ट्र में अस्थिरता का एक महीना हो गया, जब जो भी सरकार आए उससे अपेक्षा है कि अच्छा और स्थिर शासन देंगे.'' फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने के सवाल पर उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.
इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोले अजित पवार एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लुसिव बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि मेरे लिए पार्टी जो भी तय करेगी, मैं करूंगा. अजित पवार ने कहा, ''मैं कल भी एनसीपी में था, हूं और रहूंगा, हमारे नेता शरद पवार साहेब हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुझे जो बताएगी मैं करूंगा.'' मंत्री पद की शपथ लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता, पार्टी ही तय करेगी. वहीं दूसरी तरफ अजित पवार आधी रात को बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब जब मेरे मन में आएगा तब दूंगा, मुझे अभी इस पर बात नहीं करनी है.
बता दें कि महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे का दी एंड होते ही, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की राजनीति के हीरो बनकर उभर हैं. 20 साल बाद शिवसेना से कोई सीएम की कुर्सी पर बैठेगा. इससे भी अहम बात ये है कि पहली बार ठाकरे परिवार को कोई सदस्य राज्य की कमान संभालेगा. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 28 नवंबर को शाम पांच बजे से शपथ ग्रहण का ये समारोह शुरू हो जाएगा.