एक्सप्लोरर

BJP Foundation Day: मोदी-शाह की जोड़ी ने पार्टी को दी नई ऊंचाई, गुजरात से लेकर देशभर में ऐसे फहराया परचम

भारतीय राजनीति में एक जोड़ा जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा होती है वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी. आइए जानते हैं कैसे दोनों ने कड़ी मेहनत से सत्ता के शिखर तक का सफर तय किया.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह, भारतीय राजनीति के वो दो नाम हैं जिन्होंने न सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवानी के द्वारा देखा गया ख्वाब पूरा किया बल्कि आज दोनों नेता चुनाव में जीत के पर्याय बन चुके हैं. नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने भारतीय राजनीति में वो कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसकी कल्पना राजनीतिक पंड़ितों ने भी नहीं की थी.

साल 2014 में पहली बार इतिहास में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला. पार्टी ने 282 सीटों पर जीत दर्ज की और फिर यह जीत और बड़ी 2019 लोकसभा चुनाव में हो गई जब पार्टी ने 303 सीटें जीतकर एकबार फिर प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस ऐतिहासित जीत के हीरो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह.. हालांकि देश के दूसरी बार पीएम बने नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का सफर इतना आसान नहीं रहा. दोनों ने अपने-अपने हिस्से की तकलीफें झेली और निरंतर आगे बढ़ते चले गए. दोनों की मेहनत और पार्टी के लिए समर्पन ही है जो आज दोनों सत्ता के गलियारे में सबसे शक्तिशाली नाम के तौर पर जाने जाते हैं.

आइए जानते हैं दोनों का सफर

अमित शाह और नरेंद्र मोदी को देखकर उनके प्रशंसकों के मन में एक सावल बार-बार आता है कि आखिर मोदी और शाह की जोड़ी कब बनी. दोनों का रिश्ता कितना पुराना है. सियासत की किन राहों से गुजरती हुई ये दोस्ती हिंदुस्तान की सियासत की जोड़ी नंबर वन बन गई है.

दोनों को एक सूत्र में जोड़ने का नाम है RSS

दरअसल सियासत की इस सुपरहिट जोड़ी को आपस में जोड़ने वाले धागे का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है. दोनों की पहली मुलाकात पहली बार साल 1982 में हुई. इस दौर में दोनों को जिम्मेदारियां मिली हुई थी. जहां एक तरफ नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में आरएसएस के जिला प्रचारक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे तो वहीं अमित शाह एबीवीपी से जुड़े थे.

मेहनत से सत्ता के शिखर तक पहुंचे

इसके बाद साल 1986 में शाह भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में शामिल हुए और इसी बीच उधर नरेंद्र मोदी को भी नई जिम्मेदारी मिल गई थी. उन्हें बीजेपी में सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई. वक्त बीतता चला गया और दोनों अपना-अपना काम करते रहे. इसके बाद दोनों ने एक बड़ी जिम्मेदारी संभाली.

दरअसल साल 1991 में गुजरात के गांधीनगर से लालकृष्ण आडवानी लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने मिलकर आडवानी के लिए धुआंधार प्रचार किया.

इस दौरान कई बार कुछ नेताओं से रिश्ते खराब भी हुए. उदाहरण के तौर पर नरेंद्र मोदी के रिश्ते साल 1996 के दौरान बीजेपी के सीनियर नेता केशुभाई पटेल से अच्छे नहीं रहे. हालांकि शाह और मोदी की दोस्ती पर कभी कोई असर नहीं पड़ा.

साल 2001 में पीएम मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अमित शाह को मंत्री बनाया, इसी के साथ पूरा प्रदेश ही नहीं बल्कि देश जान गया कि शाह को मोदी कितना खास मानते हैं.

यह सुपरहिट जोड़ी गुजरात में लगातचार तीन विधानसभा चुनाव में जीती. यह शाह की मेहनत और कुशल रणनीति का नतीजा ही था कि 2002, 2007 और 2012 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीती और मोदी मुख्य़मंत्री बने.

इसके बाद जब पीएम मोदी राज्य की राजनीति से राष्ट्र की राजनीति में आए, यानी दिल्ली का रुख किया तो साथ में अपने सबसे अजीज दोस्त अमित शाह को लेना नहीं भूले. साल 2014 में बीजेपी ने पीएम मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो चुनाव में शाह ने कड़ी मेहनत की और इसका नतीजा यह हुआ कि 282 सीट जीतकर बीजेपी पहली बार अपने दम पर सत्ता में थी. अमित शाह पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने..जो सफर कार्यकर्ता के तौर पर शुरू हुआ था वो अब सत्ता के शिखर पर पहुंच गया था.

इसके बाद शाह और मोदी कंधे से कंधा मिलाकर हिंदुस्तान के कोने-कोने में कमल खिलाने की मुहिम में जुट गए. देखते-देखत भारत के अधिकतर राज्यों में कमल खिल गया. साल 2019 के लोकसभा में और बड़ी जिम्मेदारी थी. एक बार फिर इस जोड़ी ने कमाल किया और लोकसभा चुनाव 2019 में 303 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया.

शाह और मोदी के जोड़ी ने मिलकर आज पार्टी को जिस मुकाम पर पहुंचाया है वो मेहनत और एकजुट होकर ही संभव है. दोनों की दोस्ती साफगोई, ईमानदारी, भरोसे पर टिकी रही, एकदूसरे के प्रति सम्मान पर टिका रहा जो आज भी बदस्तूर कायम है. प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से लेकर दिल्ली के राजनीतक सफर में हमेशा लाइम लाइट में रहे, लेकिन अमित शाह चुपचाप संगठन में रहकर पार्टी के लिए काम करते रहे.

प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी शायद इसीलिए अतुलनीय जोड़ी में शुमार हो गई है, क्योंकि दोनों बेहद प्रोफेशनल तरीके से जिम्मेदारियो का वहन कर रहे हैं. गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह ने संसद के पटल पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने में मुख्य भूमिका निभाई, अमित शाह का ही अंकगणित था कि राज्यसभा में अटके बिना न केवल जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने वाला प्रस्ताव पास हुआ बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित राज्यों के पुनर्गठन विधेयक पास हो सका.

ऐसा माना जाता है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह एकदूसरे के पूरक हैं, यह बात दोनों शख्स बहुत पहले समझ चुके थे. यही कारण था कि दोनों के बीच कभी हितों का टकराव आड़े नहीं आया.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

तिरुपति लड्डू विवाद पर YSRCP चीफ जगन रेड्डी ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कर दी ये बड़ी मांग
तिरुपति लड्डू विवाद पर जगन रेड्डी की PM मोदी को चिट्ठी, बोले- तिरुमला की पवित्रता धूमिल कर रहे नायडू
MVA के घटक दलों में 10 दिनों में हो जाएगी सीट शेयरिंग पर सहमति? शरद पवार ने किया बड़ा खुलासा
MVA के घटक दलों में 10 दिनों में हो जाएगी सीट शेयरिंग पर सहमति? शरद पवार ने किया बड़ा खुलासा
‘ये किसी को सुहागरात नहीं मनाने देता’, जब रणवीर सिंह को लेकर अक्षय कुमार ने किया था चौंकाने वाला खुलासा
‘ये किसी को सुहागरात नहीं मनाने देता’, रणवीर को लेकर अक्षय ने किया था खुलासा
Women's T20 World Cup 2024: बांग्लादेश की जगह UAE में क्यों हो रहा है वीमेंस टी20 विश्वकप? जानें कब होगा भारत-पाकिस्तान का मैच
बांग्लादेश की जगह UAE में क्यों हो रहा है वीमेंस टी20 विश्वकप? जानें कारण
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Breaking: जमीन सौदे में कमीशन को लेकर हुआ विवाद, सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे पर केस दर्जTop News | सीएम पद से इस्तीफे के बाद जंतर मंतर से अरविंद केजरीवाल की 'जनता अदालत' | KejriwalTirupati Prasad Row: तिरुपति लड्डू विवाद पर जगन की पीएम को चिट्ठी, सीएम नायडू के खिलाफ लिखी चिट्ठीBreaking: अजमेर के रूपनगढ़ में दो गुटों में हिंसक झड़प, फायरिंग में दो लोगों के घायल होने की खबर

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
तिरुपति लड्डू विवाद पर YSRCP चीफ जगन रेड्डी ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कर दी ये बड़ी मांग
तिरुपति लड्डू विवाद पर जगन रेड्डी की PM मोदी को चिट्ठी, बोले- तिरुमला की पवित्रता धूमिल कर रहे नायडू
MVA के घटक दलों में 10 दिनों में हो जाएगी सीट शेयरिंग पर सहमति? शरद पवार ने किया बड़ा खुलासा
MVA के घटक दलों में 10 दिनों में हो जाएगी सीट शेयरिंग पर सहमति? शरद पवार ने किया बड़ा खुलासा
‘ये किसी को सुहागरात नहीं मनाने देता’, जब रणवीर सिंह को लेकर अक्षय कुमार ने किया था चौंकाने वाला खुलासा
‘ये किसी को सुहागरात नहीं मनाने देता’, रणवीर को लेकर अक्षय ने किया था खुलासा
Women's T20 World Cup 2024: बांग्लादेश की जगह UAE में क्यों हो रहा है वीमेंस टी20 विश्वकप? जानें कब होगा भारत-पाकिस्तान का मैच
बांग्लादेश की जगह UAE में क्यों हो रहा है वीमेंस टी20 विश्वकप? जानें कारण
Investment in India: चीन से भाग रहीं अमेरिकी कंपनियां, लाखों करोड़ रुपये के साथ भारत को बनाएंगी अपना नया घर 
चीन से भाग रहीं अमेरिकी कंपनियां, लाखों करोड़ रुपये के साथ भारत को बनाएंगी अपना नया घर 
'आतंकवादियों संग किसने खाई बिरयानी?', अमित शाह का मल्लिकार्जुन खरगे पर पलटवार
'आतंकवादियों संग किसने खाई बिरयानी?', अमित शाह का मल्लिकार्जुन खरगे पर पलटवार
आपके शहर के किस अस्पताल में होता है आयुष्मान कार्ड से इलाज, घर बैठे कर सकते हैं पता
आपके शहर के किस अस्पताल में होता है आयुष्मान कार्ड से इलाज, घर बैठे कर सकते हैं पता
गजब का जुगाड़, तवा नहीं मिला तो शख्स ने DTH की छतरी पर बनाई पाव भाजी, खूब वायरल हो रहा वीडियो
गजब का जुगाड़, तवा नहीं मिला तो शख्स ने DTH की छतरी पर बनाई पाव भाजी, खूब वायरल हो रहा वीडियो
Embed widget