नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली बंपर जीत ने कई रिकॉर्ड तो तोड़े ही हैं साथ ही राज्य के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी बदल दिया है. दलितों, मुसलमानों और यादवों के नाम पर राजनीति करने वाली सामाजवादी पार्टी और बीएसपी इस चुनाव में बीजेपी के सामने कहीं नहीं टिक पाई.
मोदी फैक्टर का कमाल
बीजेपी की इस जीत में मोदी फैक्टर ने ऐसा काम किया कि बीजेपी ने यूपी चुनाव में क्लीन स्वीप का करिश्मा कर दिखाया. 2014 में जिस मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी देश की सत्ता पर काबिज हुई थी, उसी मोदी लहर के नाम पर 3 साल बाद पूरे उत्तर प्रदेश में बीजेपी का कमल खिला गया है.
किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है बीजेपी की जीत
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 34 जिले ऐसे जहां कि बीजेपी ने सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. इस चुनाव में बड़ी बात ये सामने आई है कि ये जिले किसी एक इलाके के नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों के हैं. जिसका मतलब ये है कि बीजेपी की जीत किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रही बल्कि पूरे यूपी में बीजेपी का कमल खिल गया है.
पश्चिमी यूपी में भी बीजेपी का जलवा, 136 में 105 सीटें बीजेपी के खाते में
पश्चिमी यूपी में बीजेपी ने 136 सीटों में 105 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसी तरह अवध इलाके में भी बीजेपी को 82 सीटों में से 63 सीटों पर जीत मिली है. बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर बीजेपी को शानदार जीत मिली है.
यादवों के वोट बैंक में बीजेपी की 'सेंध'
इस चुनाव से पहले तक ये माना जाता था कि यूपी में यादव सिर्फ एसपी को वोटबैंक हैं. लेकिन बीजेपी ने यादव आबादी वाले इलाकों में 60 में से 41 सीटों पर कब्जा किया है.
बीजेपी को यूपी में मिला दलितों का साथ
इसी तरह मायावती के वोटर माने जाने वाले दलितों ने भी इस बार बीजेपी का साथ दिया. 25 फीसदी से ज्यादा दलित आबादी वाली 100 सीटों में से 84 बीजेपी ने जीती हैं.
मुस्लिम आबादी वाले इलाके में भी चला मोदी का जादू
आपको बता दें कि यहां तक कि इस चुनाव में 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली 100 सीटों में से भी 75 पर बीजेपी का कमल खिला है. इतना ही नहीं यूपी में करीब 69 सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी आज तक कभी नहीं जीती थी, लेकिन मोदी लहर में बीजेपी ने उन 69 सीटों में से 35 पर जीत हासिल की है.