नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़ने वाले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे का मंत्री बनने का सपना टूट गया है. नारायण राणे को विधान परिषद के लिए बीजेपी, शिवसेना का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. बीजेपी ने शिवसेना से समर्थन का भरोसा मिलने पर अपने उम्मीदवार प्रसाद लाड़ को विधान परिषद का टिकट दिया. शिव सेना ने राणे का विरोध किया था.


दरअसल मंत्री बनने के लिए या तो विधानसभा का सदस्य होना चाहिए या विधान परिषद का. नारायण राणे ने जिस वक्त इस्तीफा दिया था वो कांग्रेस से विधान परिषद के सदस्य थे. इससे जो सीट खाली हुई उस पर उप चुनाव सात दिसबंर को उपचुनाव होना है. नारायण राणे ने इस्तीफा देने के बाद पार्टी बनाई और एनडीए को समर्थन का एलान किया. राणे को उम्मीद थी कि बीजेपी या शिवसेना से उन्हें उप चुनाव के लिए टिकट मिलेगा.


बीजेपी में राणे का अंदरूनी विरोध हो रहा था, बीजेपी के नेता अपने लिए टिकट की मांग कर रहे थे, वहीं शिवसेना ने साफ कहा था कि अगर राणे को टिकट दिया गया तो वो विरोध करेगी. ऐसे में बीजेपी ने तय किया बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारेगी और इसी के साथ नारायण राणे का मंत्री बनने का सपना टूट गया.