सपा नेता आजम खान के गढ़ माने जाने वाले रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा. इस चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने-सामने हैं. बीजेपी ने इस सीट से आकाश सक्सेना पर दांव चला है, जो हमेशा से ही आजम खान के धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं. सपा ने इस सीट से आजम खान के करीबी आसिम रजा को प्रत्याशी बनाया है. सपा के लिए यहां मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं कि क्योंकि यहां पर कई मुसलमान नेता बीजेपी को समर्थन देने का एलान कर रहे हैं.


पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मिंया ने बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना को समर्थन देने का एलान किया है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता और गन्ना विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबर अली खां और राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व जिलाध्याक्ष मोहम्मद उस्मान ने भी बीजेपी प्रत्याशी को इस उपचुनाव में समर्थन देने का एलान किया है.


कांग्रेस के और नेता और पूर्व मंत्री काजिम अली खान का कहना है कि आज इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं तो उसके लिए आजम खान जिम्मेदार हैं इसीलिए फिर से उनके की प्रत्याशी को समर्थन देने का कोई मतलब नहीं हैं.


इसके साथ ही कांग्रेस नेता बाबर अली खान ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि काजिम अली खान जो रामपुर के नवाब के परिवार से हैं और वो यहां से कई बार विधायक और मंत्री रहे हैं और रामपुर में कांग्रेस और सपा हमेशा से आमने-सामने रही है, आजम खान ने रामपुर की जनता के लिए कुछ नहीं किया, इसीलिए इस उपचुनाव में हमने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है.


बाबर अली खान ने कहा कि इससे पहले भी एमपी में हुए उपचुनाव में काजिम अली खान ने बीजेपी को समर्थन दिया था और अब इस चुनाव में हमने बीजेपी के आकाश सक्सेना तो समर्थन देने का ऐलान किया है.


वहीं रामपुर से कांग्रेस के किसी उम्मीदवार को उपचुनाव में नहीं उतारने के कारण भी कांग्रेसी नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है, जिसको लेकर कांग्रेस नेता बाबर अली खान ने कहा कि भले ही कांग्रेस इस सीट से नहीं लड़ रही लेकिन हम आजम खान को भी इस सीट से जीतने नहीं देंगे इसलिए हमने बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है, और बीजेपी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना ही इस सीट से जीतेंगे.


हालांकि कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के इस सीट पर बीजेपी को समर्थन देने के ऐलान को लेकर खुलकर सामने नहीं आयी है. कांग्रेस की ओर से कोई बयान भी इसको लेकर जारी नहीं किया. एक तरीके से कांग्रेस ने अपने कांग्रेसी नेताओं के इस बीजेपी को दिए जा रहे समर्थन से पल्ला झाड़ लिया है. लेकिन रामपुर की स्थानीय राजनीति में कांग्रेस नेता और आजम खान के बीच ये टकराव देखने को मिल रही है.


बीजेपी ने किया कांग्रेस के समर्थन का स्वागत
वहीं कांग्रेस के इस समर्थन को लेकर बीजेपी से रामपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहनलाल सैनी ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार जबसे उत्तर प्रदेश में आयी है, तबसे हमें बीजेपी ने हर एक वर्ग से मतदाताओं का मन जीता है, हम सबका साथ सबका विकास वाले अभियान को लेकर चल रहे हैं. 


इसके साथ ही रामपुर के बीजेपी नेता फैजल रजा खान ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए बीजेपी ने लगातार काम किया है और इस समुदाय को ये समझ आ गया है  कि उनका असली हितैषी कौन है. उन्हें केवल वोट बैंक के आधार पर इस्तेमाल करते आया है. इसीलिए हम कांग्रेसी मुस्लिम नेताओं की ओर से बीजेपी को समर्थन देने के ऐलान का स्वागत करते हैं.


फैजल ने कहा कि केवल मुस्लिम समुदाय नहीं बल्कि हर एक समुदाय बीजेपी को समर्थन दे रहा है. इसका सबूत कुछ महीने पहले आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी देखने को मिला था, जब दोनों सीटों पर बीजेपी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की.  यहां भी बीजेपी पूरे समर्थन के साथ जीत दर्ज करेगी.


वहीं सोमवार को सपा को इस उपचुनाव से पहले एक और झटका लगा, जब आजम खान के करीबी माने जाने वाले फसाहत खान शानू को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. जिसको लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि अब बीजेपी का कमल उपचुनाव में सभी सीटों पर खिलने जा रहा है.


आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत खान शानू ने बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाभकारी योजनाओं से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल होने का एलान किया है. उनका कहना है कि सपा में सम्मान नहीं मिला इसलिए वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. 


आजम खान के गढ़ रामपुर में कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं के साथ सपा के नेताओं का भी बीजेपी को समर्थन मिलता दिख रहा है जिसके बाद ये उपचुनाव बेहद ही दिलचस्प हो गया है. वहीं बीजेपी के इन समर्थन ने कहीं ना कहीं सपा की मुश्किले भी बढ़ा दी हैं.


क्योंकि इस सीट पर सालों से सपा का ही कब्जा रहा है और आजम खान हर बार इस सीट से जीतते आए हैं.  इस सीट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटरों की है और आजम खान को खुद मुसलमानों का नेता बताते रहे हैं. यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 2 लाख के करीब है और दूसरे नंबर पर वैश्य और लोधी समाज का दबदबा है.


रामपुर विधानसभा सीट पर वोटरों की संख्या
रामपुर में मतदाताओं के समीकरण की बात करें तो कुल वोटरों की संख्या 3,87,385 है, जिसमें मुस्लिम वोटरों की संख्या 52 फीसदी है, जिसमें करीब 2 लाख मतदाता है. जिसके बाद 45 फीसदी हिंदू वोटर हैं जिनकी संख्या 1 लाख 65 हजार के करीब है और 3 फीसदी के करीब सिख समुदाय के वोटर हैं जिनकी संख्या 10 हजार के करीब है. इसके अलावा हिंदू वोटरों में 40 हजार वैश्य समाज, 35 हजार लोध, 20 हजार दलित, 5 हजार कायस्थ, 10 हजार यादव और 4 हजार ब्राह्मण वोटर हैं. 



इस सीट पर दशकों से रहा है आजम खान का कब्जा
साल 1993 में सपा से पहली बार इस सीट से आजम खान विधायक बने. हालांकि इससे पहले भी साल 1980 से आजम खान दूसरे दलों से इस सीट से जीतते हुए आ रहे थे. लेकिन साल 1993 में उन्होंने सपा के टिकट से चुनाव लड़ा और अपने विरोधी  अफरोज अली खान (जेडी) को मात देकर रामपुर का किला फिर से अपने नाम कर लिया.


लेकिन अगले विधानसभा चुनाव 1996 में कांग्रेस की टिकट से अफरोज अली खान ने सपा के आजम खान को मात दी. लेकिन फिर से साल 2002 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने रामपुर सीट पर जीत हासिल की. और उसके बाद साल 2022 तक इस विधानसभा सीट पर आजम खान का ही कब्जा रहा, लेकिन हाल ही में उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद दिसंबर 2022 में इस सीट पर उपचुनाव आयोजित कराए जा रहे हैं. 


हेट स्पीच मामले में दोषी करार होने के बाद गई सदस्यता
साल 2019 लोकसभा के दौरान आजम खान की ओर से एक चुनावी सभा में हेट स्पीच दिए जाने का मामला सामने आया था. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिए. इस मामले में स्थानीय अदालत ने आजम खान को 3 साल की जेल की सजा भी सुनाई थी. जिसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द हो गई. वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना का बड़ा रोल रहा क्योंकि हेट स्पीच मामले की शिकायत आकाश सक्सेना ने की थी. 


मार्च 2022 विधानसभा में आजम से हार गए थे सक्सेना
जिसके बाद अब इस सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है और 8 दिसंबर को इसके नतीजे आएंगे. जिसके लिए सपा ने आजम खान के करीबी आसिम रजा को प्रत्याशी बनाया है. जिसको लेकर कहा ये जाता है कि भले ही आसिम रजा सपा ने प्रत्याशी बनाए गए हैं, लेकिन चुनाव आजम खान ही लड़ रहे हैं. आसिम रजा और आजम खान एक ही हैं.


वहीं बीजेपी ने इस सीट से आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है जो 2022, मार्च के महीने में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के प्रत्याशी रहे थे, लेकिन उस दौरान आजम खान ने बीजेपी के आकाश सक्सेना को 55,141 वोटों से हराया था. बीजेपी ने उसी प्रत्याशी पर दांव चला है.