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'बदले की भावना से' बीजेपी सरकार ने लीक की ढींगरा आयोग की रिपोर्ट: कांग्रेस
नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि केन्द्र और हरियाणा की भाजपा सरकार ने एस एन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को जानबूझ कर लीक किया ताकि प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा को बदनाम किया जा सके. अदालत ने इसकी पब्लिशिंग पर रोक लगा रखी है पर बदले की भावना से इसे लीक किया गया है.
कांग्रेस ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले साल और इस हफ्ते-2 बार ढींगरा आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित करने पर रोक लगाई और अगर कोई भी ऐसा करता है तो यह अदालत की अवमानना है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकारों की रिपोर्टों को लीक करने की आदत है क्योंकि वह बदले की राजनीति करने में विश्वास करती है.
कांग्रेस का बड़ा आरोप
इस मुद्दे पर उन्होंने आगे ये भी कहा कि, ‘‘कुछ बहुत अजीब चीजें हो रही हैं. केन्द्र और राज्य सरकार बदला लेने पर उतर आयी है और जानबूझकर ढींगरा आयोग की कथित रिपोर्ट लीक कर रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कि सरकारों की रिपोर्टों को जानबूझकर लीक करने की पुरानी आदत है क्योंकि वे बदले की राजनीति में विश्वास करती हैं. आपकी बदले की राजनीति इस प्रकार है कि आप अंधे हो गये हैं और किसी पर हमला करने के लिए चुनिंदा ढंग से लीक कर रहे हैं.’’ सिंघवी के इस बचाव से एक दिन पहले प्रियंका गांधी ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनके पैसे का उनके पति राबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काईलाइट होस्पिटेलिटी से कोई लेनादेना नहीं है. यह कंपनी रियल्टी सेक्टर की प्रमुख कंपनी डीएलएफ के साथ अपने जमीन के सौदे को लेकर हरियाणा सरकार की जांच के दायरे में है.
एम वेंकैया नायडू की सफाई पर सवाल उठाए
अभिषेक मनु सिंघवी ने केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू की इस टिप्पणी पर भी हैरानी जताई है कि उनकी सरकार रिपोर्ट लीक नहीं करती. उन्होंने सवाल किया कि यदि सरकार रिपोर्ट लीक नहीं कर रही तो फिर रिपोर्ट किसके पास है? क्या खुद न्यायमूर्ति ढींगरा या वाड्रा के पास? कांग्रेस नेता ने कहा कि किस कानून के तहत संबंधित व्यक्ति को बुलाये या नोटिस दिये बिना कोई रिपोर्ट दबाई जा सकती है. उन्होंने दावा किया कि वाड्रा या पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को कोई नोटिस भेजा ही नहीं गया जबकि कानून के मुताबिक 8 हफ्ते का नोटिस भेजा जाना जरूरी है.
सिघंवी ने कहा, ‘‘8 हफ्ते का कोई नोटिस वाड्रा को नहीं भेजा गया. नियम के अनुसार मैं आपके खिलाफ तभी कुछ दर्ज कर सकता हूं जब मैंने आपको 8 हफ्ते का नोटिस भेजा हो. यह एक आम जानकारी की बात है कि 8 हफ्ते का नोटिस नहीं भेजा गया और वाड्रा के मामले में तो बिल्कुल ही नहीं भेजा गया.’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या ऐसी रिपोर्ट हो सकती है, जो वाड्रा को नोटिस भेज बिना यह कह सके कि उन्होंने यह किया या वह किया’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के 23 नवंबर 2016 और 26 अप्रैल 2017 के आदेशों के अनुसार कोई भी ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पब्लिश नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसा करता है तो तकनीकी रूप से वह अदालत के आदेश की अवमानना कर रहा है.
प्रियंका के बयान के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि वह बयान अपना स्पष्टीकरण खुद दे रहा है और कुछ कहने की जरूरत नहीं है. प्रियंका ने कहा था कि फरीदाबाद में उन्होंने 5 एकड़ का जो भूखंड खरीदा था, उसके बारे में कोई भी संकेत ‘‘गलत, निराधार और मानहानिकारक है’’. उन्होंने कहा कि ऐसा करना राजनीतिक रूप से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण अभियान है ताकि उनकी छवि को धूमिल किया जा सके.
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