Haryana Panchayat Election: हरियाणा पंचायत चुनाव में पार्टी के निशान पर लड़ें या नहीं, बीजेपी की राज्य इकाई करेगी फैसला
Haryana Panchayat Election: कांग्रेस ने पिछले महीने कहा था कि वह आगामी पंचायत चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ेगी, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस मामले में अभी तक फैसला नहीं किया है.
Haryana Panchayat Election 2022: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने हरियाणा (Haryana) में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat Election) पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ने या नहीं लड़ने का फैसला बीजेपी की राज्य इकाई (BJP State Unit) पर छोड़ दिया है. नड्डा दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को हरियाणा पहुंचे थे. उन्होंने इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP Workers), नेताओं, विधायकों, मंत्रियों, पार्टी के कोर समूह और गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं से मुलाकात की. राज्य में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं और आगामी कुछ दिन में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो जाने की संभावना है.
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने पिछले महीने कहा था कि वह आगामी पंचायत चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर नहीं लड़ेगी, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस मामले में अभी तक फैसला नहीं किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने नड्डा के हरियाणा दौरे के बारे में शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी. इस दौरान बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख ओपी धनखड़ से पूछा गया कि क्या बीजेपी पार्टी के चुनाव चिह्न पर पंचायत चुनाव लड़ेगी और क्या वह इसे जजपा के साथ मिलकर लड़ेगी, जिसके जवाब में धनखड़ ने कहा, ‘मतदान की तिथियों की घोषणा हो जाने के बाद पार्टी की चुनाव समिति इस पर फैसला लेगी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि इस पर राज्य इकाई को निर्णय लेना चाहिए.’
सरकारी योजनाओं को जनता तक जमीनी तौर पर पहुंचाया जाए
धनखड़ ने कहा कि जब पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएगी, तो उस समय यह तय किया जाएगा कि क्या बीजेपी अपने चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरेगी. उन्होंने कहा, ‘अगर हम अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ते हैं, तो (इन चुनावों के लिए) जजपा के साथ गठबंधन का मुद्दा सामने आएगा.’ नड्डा के दौरे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी तावड़े ने कहा, ‘सरकार द्वारा चलाई जा रही अच्छी योजनाओं को पार्टी, काडर के माध्यम से जमीनी स्तर पर पहुंचाया जाना चाहिए और हमने इसी पर मुख्य रूप से चर्चा की है.’
बीजेपी और जजपा की हो बैठक
बहरहाल, वह इस बात का सीधा जवाब देने से बचते रहे कि क्या बीजेपी और जजपा अगला विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगी. तावड़े ने कहा कि नड्डा की जजपा नेताओं के साथ बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी शामिल थे और इस दौरान दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के तरीकों पर चर्चा की गई. बीजेपी महासचिव के मुताबिक, नड्डा ने कहा कि दोनों सहयोगियों की समन्वय समिति की महीने में एक बार बैठक होनी चाहिए. तावड़े ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लंबे समय तक बैठक नहीं हो सकी. बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बैठकें करते रहते हैं.
पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत
तावड़े ने कहा, ‘जहां तक हमारे दोनों पार्टी संगठनों का सवाल है, तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कई सुझाव दिए हैं और हम आगामी दिनों में इन पर काम करेंगे.’ उन्होंने बताया कि मंत्रियों द्वारा उनके विभागों में किए गए कार्यों को लेकर लंबी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया गया क्योंकि इससे सरकार के अच्छे कार्यों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने में मदद मिलती है.’
2014 में बीजेपी ने अपने दम पर बनाई थी सरकार
नड्डा (JP Nadda) शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे थे. उन्होंने पहले अंबाला (Ambala) में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की (Meeting with Party Workers) और उसके बाद कैथल में एक जनसभा की. उन्होंने बाद में पंचकूला में सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) सहित पार्टी नेताओं के साथ बैठक की और राज्य इकाई की एक कोर समूह की बैठक की अध्यक्षता की. नड्डा ने शनिवार सुबह पंचकूला में कुछ प्रमुख खिलाड़ियों से भी मुलाकात की और धनखड़ के साथ माता मनसा देवी मंदिर में पूजा की. भाजपा ने 2014 में हरियाणा में पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई थी. उस समय उसने 90 विधानसभा सीट में से 47 पर जीत हासिल की थी, लेकिन वह 2019 में बहुमत हासिल नहीं कर पाई और उसने 40 सीट जीतीं, जिसके बाद उसने 10 सीट जीतने वाली जजपा के साथ गठबंधन किया और सरकार बनाई.
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