बीजेपी ने 1998 से अब तक बदले 9 अध्यक्ष; कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी जैसे दलों का रहा क्या हाल?
Congress and BJP Presidents: 1998 से लेकर अब तक बीजेपी के 9 अध्यक्ष बदले हैं, वहीं कांग्रेस ने इस अवधि में दो चेहरे ही शीर्ष पद पर देखे हैं. बाकी दलों का क्या हाल है, आइए जानते हैं.
Indian Political Parties Presidents: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress President Election) की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच बीजेपी (BJP) समेत अन्य राजनीतिक दलों के शीर्ष पद को लेकर भी चर्चा हो रही है. पिछले 24 वर्षों में बीजेपी में 9 अध्यक्ष (BJP President) बदले जा चुके हैं वहीं, इस अवधि में 2017-19 का राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का कार्यकाल छोड़ दें तो 1998 से कांग्रेस (Congress) के शीर्ष पद की कमान लगातार सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के हाथ में है.
2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी पार्टी अंतरिम अध्यक्ष चुनी गई थीं. पिछली बार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव वर्ष 2000 में हुआ था. अब एक बार फिर कांग्रेस के नए अध्यक्ष की ताजपोशी के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं.
24 वर्षों में बीजेपी के बदल गए इतने अध्यक्ष
1998 से लेकर अब तक बीजेपी ने जो अध्यक्ष देखें हैं, उनमें कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000), बंगारू लक्ष्मण (2000-01), जन कृष्णमूर्ति (2001-02), एम वेंकैया नायडू (2002-04), लालकृष्ण आडवानी (2004-05), राजनाथ सिंह (2005-09), नितिन गडकरी (2009-13), राजनाथ सिंह (2013-14), अमित शाह (2014-19) और 2020 में शीर्ष पद पर काबिज हुए जेपी नड्डा के नाम शामिल हैं. राजनाथ सिंह दो बार बीजेपी अध्यक्ष बन चुके हैं.
समाजवादी पार्टी का हाल
समाजवादी पार्टी की स्थापना चार अक्टूबर 1992 को हुई थी. पार्टी की स्थापना के बाद से 2014 तक इसके संस्थापक मुलायम सिंह ही अध्यक्ष पद पर रहे. 2014 में मुलायम सिंह के बेटे और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनाए गए. इसके बाद से 2017 और अब 2022 में भी अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए हैं. गुरुवार (29 सितंबर) को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अधिवेशन के दौरान अखिलेश यादव तीसरी बार पार्टी के अध्यक्ष चुने गए.
शुरू से लेकर अब तक दो लोग ही बने बीएसपी अध्यक्ष
बहुजन समाज पार्टी की स्थापना 14 अप्रैल 1984 को हुई थी. पार्टी की स्थापना के समय से ही 18 सितंबर 2003 तक इसके संस्थापक कांशीराम राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. 2003 में कांशीराम के अस्वस्थ होने के कारण यूपी की पूर्व सीएम मायावती पहली बार बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं. 27 अगस्त 2006 को वह दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनीं. 2006 के बाद 28 अगस्त 2019 को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया, जिसमें एक बार फिर मायावती ने ही शीर्ष पद संभाला. वर्तमान में मायावती ही बीएसपी की अध्यक्ष हैं.
आरजेडी के शीर्ष पद पर लालू का एकछत्र राज
राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना 5 जुलाई 1997 को हुई थी. इसके संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पार्टी की स्थापना के बाद से ही लगातार अध्यक्ष पद पर हैं. हालांकि, कई बार राष्ट्रीय अध्यक्ष पद चुनाव हुए हैं लेकिन लालू यादव के सामने आज तक किसी ने पर्चा नहीं भरा. इस बार 12वीं बार वह निर्विरोध आरजेडी अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. इसके लिए बुधवार (28 सितंबर) को उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया. 10 अक्टूबर को लालू प्रसाद यादव के अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा की जाएगी और उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप
बीजेपी आरोप लगाती आ रही है कि कांग्रेस में अध्यक्ष कोई भी बने, कमान गांधी परिवार के हाथ में ही रहेगी. बीजेपी प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने पिछले 21 सितंबर को कहा था कि कांग्रेस पार्टी में गहलोत अध्यक्ष बनें या शशि थरूर, वे कठपुतली साबित होंगे और कमान पीछे से राहुल गांधी संभालेंगे. वहीं, बीजेपी के आरोपों पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पलटवार कर चुके हैं. पिछले दिनों एक बयान में गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस में नरसिम्हा राव, सीताराम केसरी और सोनिया गांधी अध्यक्ष पद के चुनाव के द्वारा शीर्ष पद पर काबिज हुए लेकिन क्या कभी बीजेपी में चुनाव के बारे में सुना है? कांग्रेस के अलावा, अन्य कई दलों को भी बीजेपी परिवारवादी करार देती आ रही है.
बीजेपी में कैसे चुना जाता है अध्यक्ष?
बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान और राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार होता है. एक निर्वाचक मंडल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनता है. राष्ट्रीय और राज्य परिषदों के सदस्यों को मिलाकर निर्वाचक मंडल का गठन किया जाता है. राज्य निर्वाचक मंडल के 20 सदस्य मिलकर उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव कर सकते हैं. इसके लिए उम्मीदवार की सहमति होना जरूरी है और वह चार कार्यकाल के लिए पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो यानी कम से कम 15 वर्षों से पार्टी के साथ हो. इसी तरह कम से कम पांच ऐसे राज्यों से उम्मीदवारों के प्रस्ताव आने चाहिए जहां राष्ट्रीय परिषद के लिए चुनाव हो चुके हों.
इसके बाद नामांकन प्रक्रिया शुरू होती है. सक्रिय सदस्य नए लोगों का सत्यापन करते हैं. इसके बाद चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की जाती है. चुनाव प्रभारी मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू करते हैं और अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है.
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