नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम हैकिंग का जिन्न फिर बाहर आ गया है. अमेरिका में राजनीतिज्ञ शरण चाहने वाले एक कथित हैकर सैयद शुजा के दावे से सनसनी फैल गई है. सैयद शुजा ने दावा किया है ईवीएम को हैक किया सकता है और भारत में 2014 के आम चुनाव में ईवीएम के जरिए धांधली हुई. सैय्यद शुजा के ऐसे आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी की ओर से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरा आयोजन कांग्रस द्वारा प्रायोजित था.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''आशीष रे नेशनल हेरल्ड में कंट्रीब्यूटर हैं, नेशनल हेरल्ड में एक लेख में उन्होंने राहुल गांधी के लंदन दौरे को लेकर पूरी स्तुति गायी है. आशीष ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कई ट्वीट्स भी किए हैं. आशीष रे समर्पित कांग्रेसी हैं और सोशल मीडिया बीजेपी के खिलाफ प्रचार करते हैं. कहां के पत्रकार हैं, हमें नहीं पता.''
सैय्यद शुजा के बारे में बताया गया कि हैकर हैं, बहुत बड़े आईटी प्रोफेशनल हैं. मैं साढ़े चार साल से देश का आईटी मंत्री हूं, मैंने तो कभी उनका नाम नहीं सुना. प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कहा गया था कि ये ईवीएम को हैक करके दिखाएंगे, लेकिन नो श्रीमान अमेरिका से चेहरा ढांक कर प्रकट होते हैं. वो विदेश की धरती से भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने का काम कर रहा है.
रविशकर प्रसाद ने कहा कि सैय्यद शुजा बकवास कर रहे हैं. प्रसाद ने कहा, ''उन्होंने गोपीनाथ मुंडे का सहारा लिया, जो अब अपनी बात कहने के लिए उपलब्ध नहीं हैं. एक बकवास की गई, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का चुनाव ठीक है.
कपिल सिब्बल पर हमला बोलते हुए प्रसाद ने कहा, ''कपिल सिब्बल उस कार्यक्रम में किस हैसियत से मौजूद थे. मेरा स्पष्ट आरोप है कि कपिल सिब्बल पूरे मामले की कांग्रेस की ओर से मॉनीटरिंग करने गए थे. कपिल सिब्बल अक्सर ऐसा करते रहते हैं, ये कोई नई बात नहीं है.''
कथित हैकर ने क्या दावे किए?
स्काइप के जरिये लंदन में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सैयद शुजा ने दावा किया कि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने के बाद वह भारत से भाग गए क्योंकि उन्हें देश में अपनी जान को खतरा था. इसलिए वह स्काइप के जरिये स्क्रीन पर सामने आए लेकिन उनका चेहरा ढंका हुआ था.
शुजा ने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके. हालांकि, उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया. हालांकि, जियो का 2014 में कोई अस्तित्व नहीं था और उसकी सेवाएं सितंबर 2016 में शुरू हुई थीं.
शुजा ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि बीजेपी के अलावा एसपी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी ईवीएम के जरिये धांधली में शामिल है. उन्हें ‘इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (यूरोप)’ के तत्वावधान में संवाददाता सम्मेलन में बुलाया गया था. शुजा ने बताया कि बीजेपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव जीत जाती अगर उनकी टीम ने इन तीनों राज्यों में ट्रांसमिशन हैक करने की बीजेपी की कोशिश को पकड़ नहीं लिया होता.
लंदन में शुजा ने दावा किया कि उन्होंने 2009-14 तक ईसीआईएल में काम किया. उन्होंने दावा किया कि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2014 के चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम को डिजाइन किया था. उन्होंने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को ईसीआईएल ने इस बात का पता लगाने के लिये निर्देश दिया था कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे कैसे किया जा सकता है.