Delhi New Liquor Policy: नई आबकारी नीति के विरोध में दिल्ली BJP का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन, उम्र और समय घटाने का कर रहे हैं विरोध
Delhi New Liquor Policy: दिल्ली में लागू नई आबकारी नीति का विरोध करते हुए दिल्ली बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से उम्र व समय सीमा पर आपत्ति जताते हुए इस नीति की वापसी की मांग की.
BJP v/s AAP Over Delhi Liquor Policy: राजधानी दिल्ली में आज से नई आबकारी नीति लागू हो गई है और विपक्ष में मौजूद बीजेपी इसका विरोध कर रही है. बीजेपी के मुताबिक इससे दिल्ली में शराब की कई दुकानें खुलेंगी और शराब के ठेके बढ़ जाएंगे. इस नीति में पैसे तय करने से लेकर ब्रांड तय करने के अधिकार भी प्राइवेट ठेकदारों के पास होंगे. वहीं समय बढ़ाने को लेकर भी बीजेपी विरोध कर रही है. नई आबकारी नीति के विरोध में बीजेपी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया और इस नीति को वापस लेने की मांग की है. इस बारे में एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से बातचीत की.
उनके अनुसार, जब ये पॉलिसी सरकार विधानसभा में सदन के पटल पर लेकर आई तब भी भाजपा ने इस नई शराब नीति का विरोध किया था. हमने कहा था, “अरविंद केजरीवाल दिल्ली को शराब की नगरी मत बनाओ, गली-गली में शराब के ठेके खुलेंगे इससे दिल्ली के युवा पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.” लेकिन अरविंद केजरीवाल का यह कहना था कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 15 हज़ार करोड़ की आय होगी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के युवाओं को और लोगों को अब आसानी से शराब मिल सकेगी और उन्होंने उम्र भी 25 से घटाकर 21 साल कर दी है. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के लोगों को शराब कैसे पीनी चाहिए उसके तरीके भी बताएंगे.
अरविंद केजरीवाल ने इस शराब नीति के पक्ष में यह भी कहा कि पहले शराब के ठेके सुबह 10 बजे खुलते थे और रात को 10 बजे बंद होते थे. अब सुबह 3 बजे तक दिल्ली में शराब परोसी जाएगी और पी जा सकेगी. वहीं दिल्ली के लोग कौन से ब्रांड की शराब पिएंगे यह दिल्ली के लोग नहीं बल्कि शराब के ठेकेदार तय करेंगे. वही एक और मजे की बात है कि यह शराब नीति कहती है कि शराब की बोतल की कीमत सरकार तय नहीं करेगी बल्कि ठेकेदार तय करेगा. पहले दिल्ली के अंदर शराब के ठेकेदारों को सिर्फ डेढ़ से दो पर्सेंट कमीशन मिलता था अब अरविंद केजरीवाल सरकार ने इन प्राइवेट ठेकेदारों का कमीशन बढ़ा दिया है.
बीजेपी लगातार कर रही है इसका विरोध
सरकार को इस शराब नीति को वापस लेना ही पड़ेगा. दिल्ली के लोग सड़कों पर आ गए हैं और इस नीति का विरोध कर रहे हैं. गली-गली में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं. पहले ढाई सौ प्राईवेट ठेके थे अब उनकी संख्या बढ़कर 850 हो जाएगी और अगर बैंक्वेट हॉल, बार, एयरपोर्ट या बाकी जगह जहां शराब के ठेके खुले जाएंगे तो ये संख्या बढ़कर लगभग तीन हजार हो जाएगी. इसलिए अरविंद केजरीवाल को इस आबकारी नीति को वापस लेना ही होगा.
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