नई दिल्लीः बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की एनडीए सरकार के लिए राह कठिन होती जा रही है. बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी को बड़े ही जोर शोर से मुद्दा बनाया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने तब रैलियों में नौकरियों पर यूपीए सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई थी. पीएम मोदी बड़े ही हमलावर अंदाज में तत्कालिन सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरा करते थे.
अब पिछले साढ़े तीन साल से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. सत्ता संभालने से पहले उन्होने वायदा किया था कि हर साल एक करोड़ रोज़गार दिए जाएंगे. हाल ही में पीएम मोदी ने दो प्राइवेट न्यूज़ चैनलों को दिए इंटरव्यू में रोज़गार पर दो बड़ी बातें कही हैं. पहली बात है कि पिछले एक साल में भविष्य निधि योजना EPF के तहत 70 लाख युवकों के नए खाते खुले हैं जो 18 से 25 साल की उम्र के हैं, ये दिखाता है कि नए रोजगार पैदा हो रहे हैं. दूसरी बात है कि मुद्रा योजना के तहत दस करोड़ लोगों को फायदा पहुंचा, क्या ये कोई रोजगार नहीं है, इनमें तीन करोड़ वे लोग हैं जो नया व्यवसाय शुरू करने वाले हैं, इसमें चार लाख करोड़ का ऋण दिया गया.
कांग्रेस पीएम मोदी के इन दावों पर सवाल उठा रही है. दरअसल ईपीएफओ पर आईआईएम बैंगलोर और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट आयी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2015-17 में 190 उद्योगों में करीब 45 लाख लोगों का ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन हुआ. वहीं 2017-18 में नवंबर तक करीब 55 लाख लोगों का ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन हुआ. यानी पिछले तीन साल में करीब 1 करोड़ लोगों का EPFO में रजिस्ट्रेशन हुआ.
वहीं नौकरियों पर सेंटर फॉर मॉनेटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की भी एक रिपोर्ट आयी है. CMIE के मुताबिक 2017 में सिर्फ 20 लाख नौकरियां मिली हैं. जबकि नौकरी की तलाश में आए नए लोगों की संख्या करीब 1 करोड़ 15 लाख थी. नौकरियां पैदा करने के मामले में 2016 के मुकाबले सिर्फ 0.5 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इस तरफ के आंकड़ें तो देश में रोजगार की बुरी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं और लग रहा है कि देश के युवाओं को नौकरी का सपना आसानी से पूरा होते नहीं दिख रह है. हालांकि सरकार का ये भी दावा है कि मेक इन इंडिया और स्किल ट्रेनिंग के जरिए यंग इंडिया को नौकरी के मौके दिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है. हालांकि साल 2019 में आने वाले चुनावों में रोजगार का मुद्दा सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरे इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.