नई दिल्ली: महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के बाद हर दिन सियासी गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है जो कि थमने का नाम नहीं ले रहा है. इन्हीं सियासी हलचलों के बीच प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा चुका है. जहां एक तरफ बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में दरार आ चुकी है वहीं कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी में भी सरकार बनाने को लेकर स्थिति साफ होती नजर नहीं आई और इन सब के इतर बीजेपी प्लान बी पर काम कर रही है.


दरअसल मंगलवार तक भी शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस ने साथ मिलकर सरकार बनाने का ऐलान नहीं किया. वहीं सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार बीजेपी प्लान बी पर काम रही है. इस प्लान के मुताबिक बीजेपी एनसीपी के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बना सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी और एनसीपी के बड़े नेता एक दूसरे के संपर्क में हैं. जाहिर तौर पर अगर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार नहीं बना पाती है तो बीजेपी का "प्लान बी" सफल हो सकता है. शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक उसको इस बात की भी जानकारी है कि बीजेपी और एनसीपी के बड़े नेता आपस में संपर्क में है. सूत्रों का ये भी कहना है और कल जब उद्धव ठाकरे कांग्रेस के नेता अहमद पटेल से मिलने गए तो उस दौरान भी एनसीपी बीजेपी के संपर्क में होने की बात उठी है.


दूसरी तरफ सवाल ये उठ रहा है कि राज्यपाल द्वारा दिए गए समय से 8 घंटे पहले एनसीपी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर बहुमत का आंकड़ा नहीं होने की बात क्यों कही. दूसरा बड़ा सवाल ये है कि जब एनसीपी 8 घंटे बाद राज्यपाल को अपनी असमर्थता जता सकती थी, तो उसने यह फैसला 8 घंटे पहले राज्यपाल को क्यों बताया ? इस चिट्ठी के आधार पर राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी और उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया.


वहीं एनसीपी नेता अजित पवार ने भी कल दोपहर में शिवसेना के समर्थन में चिट्ठी नहीं जारी करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं पर ठीकरा भी फोड़ा था. परदे के पीछे चल रहे इस खेल में कई खिलाड़ी हैं. नारायण राणे कल शाम इस खेल का हिस्सा हो गए नारायण राणे ने कल कहा कि राज्य में सरकार बीजेपी की ही बनेगी. आपको बतादें कि महाराष्ट्र में एनसीपी के शरद पवार और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के अलावा नारायण राणे बड़े खिलाड़ी बन कर उभर रहे हैं.