कश्मीर में BJP ने 8 नेताओं को जारी किया नोटिस, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के हैं आरोप
Jammu-Kashmir: बीजेपी ने कश्मीर में अपने 8 नेताओं को बिना शर्त माफी मांगने और एक शपथ पत्र पार्टी अध्यक्ष को सौंपने के लिए कहा है. इन नेताओं को आधिकारिक पदों से हटाया भी जा सकता है.

Jammu Kashmir BJP: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अनुशासन समिति ने कश्मीर घाटी में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 8 नेताओं को नोटिस जारी किया है. यह घटनाक्रम पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों को लेकर पिछले महीने वरिष्ठ नेता सोफी यूसुफ की गतिविधियों की जांच के बाद आया है.
बीजेपी ने पार्टी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर, मंजूर भट, जिला अध्यक्ष अली मोहम्मद मीर, जीएम मीर, वरिष्ठ नेता आसिफ मसूदी, आरिफ राजा, अनवर खान और बिलाल पर्रे को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि सोफी यूसुफ के खिलाफ अनुशासनहीनता की जांच करते समय अनुशासन समिति के संज्ञान में आया कि यह नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और हर एक के खिलाफ गंभीर आरोप और अनुशासनहीनता के सबूत मिले हैं.
नोटिस में क्या कहा गया?
नोटिस में लिखा है, "आपकी गतिविधियों से पार्टी नेतृत्व में अविश्वास की भावना पैदा हुई है. पार्टी में आपकी स्थिति और आपके पिछले योगदान को ध्यान में रखते हुए अनुशासन समिति ने आपको अपने आचरण के लिए बिना शर्त माफी मांगने और भविष्य में ऐसा न करने का एक अवसर देने का निर्णय लिया है. ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक समिति आपके खिलाफ नियमित कार्रवाई शुरू करेगी और अनुशासनहीनता के आरोप साबित होने पर आपको आधिकारिक पदों और यहां तक कि प्राथमिक सदस्यता से भी हटाया सकती है."
पार्टी ने शपथ पत्र सौंपने की बात कही
पार्टी ने नेताओं से बिना शर्त माफी मांगने और भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न होने का शपथ पत्र देने और आज से एक सप्ताह के भीतर इसे पार्टी अध्यक्ष को सौंपने को कहा है. बीजेपी अनुशासन समिति में अध्यक्ष सुनील सेठी और सदस्य असीम गुप्ता और रेखा महाजन शामिल हैं.
यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों की प्रकृति क्या है और किसे नोटिस दिया गया है? गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी को पुराने और नए नेताओं के बीच खींचतान का सामना करना पड़ रहा है.
बीजेपी के कई नेताओं ने की थी बैठक
गौरतलब है कि बीजेपी भी जम्मू-कश्मीर में पार्टी में किसी भी तरह के दल-बदल को रोकने के लिए गंभीर कदम उठा रही है और नेताओं के बीच जारी खींचतान को कम करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी करना कैडर के बीच असंतोष को कम करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है.
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