नई दिल्ली: कर्नाटक में चुनाव की तारीख लीक होने के विवाद में चुनाव आयोग ने जांच शुरु कर दी है लेकिन इस जांच के दायरे में तारीख लीक करने वाले बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय नहीं हैं. गौरतलब है कि अमित ने ट्विटर पर पहले ही तारीखों का ऐलान कर दिया था.


अमित ने यह ट्वीट चुनाव आयोग की घोषणा से करीब 15 मिनट पहले किया था. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों और नेताओं ने इस तारीख लीक को लेकर सत्ताधारी बीजेपी को घेरने की कोशिशें कीं. अब चुनाव आयोग ने कहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक ग्रुप इस मामले की जांच करेगा और एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगा.


ये है पूरा मामला
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आधिकारिक ऐलान से पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव की घोषणा कर दी. बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा कि 12 मई को वोट डाले जाएंगे और मतों की गिनती 18 मई को होगी. अमित मालवीय की बात आंशिक तौर पर सही साबित हुई थी. 12 मई को ही वोट डाले जाएंगे, लेकिन वोटों की गिनती 15 मई को होगी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर चुनाव आयोग के एलान से कुछ समय पहले ही अमित मालवीय को वोटिंग की तारीख का पता कैसे चला? विवाद बढ़ने के बाद मालवीय ने ट्विट डिलीट कर दिया.


कांग्रेस ने बीजेपी को बताया- 'सुपर इलेक्शन कमीशन'
बीजेपी नेता के ट्विट को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया. कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''बीजेपी चुनाव आयोग से पहले ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देती है, बीजेपी अब 'सुपर इलेक्शन कमीशन' बन चुकी है.''


कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को ये सीधी चुनौती है. क्या चुनाव आयोग गोपनीय सूचना लीक करने के मामले में अमित शाह को नोटिस देगा और बीजेपी के आईटी सेल पर FIR दर्ज करवाएगा?''