नई दिल्ली: जनसंख्या नियंत्रण नीति और कानून को लेकर एनडीए में भी अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून से ज्यादा लोगों को जागरूक कर जनसंख्या नियंत्रण करने की बात पर जोर दिया तो अब बीजेपी के नेता नीतीश कुमार को सलाह दे रहे हैं कि नीतीश कुमार को समझना चाहिए कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूकता अभियान पिछले चार दशकों से चल रहा है लेकिन कुछ खास असर नहीं हुआ. लिहाजा आज की तारीख में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून की जरूरत है जिससे कि देश में जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके.
राज्यसभा में बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार को भी समझना चाहिए कि सालों से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चर्चा और समझने समझाने का काम ही चल रहा है. लेकिन अब तक कुछ खास नहीं हुआ. लिहाजा जरूरी है कि अब इसको लेकर अब कानून बनाया जाए. राकेश सिन्हा का कहना है कि इस मुद्दे पर उन्होंने संसद में प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया है जिस पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा हो सकती है. इस प्राइवेट मेंबर बिल में राकेश सिन्हा के मुताबिक उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि अगर देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होता है तो उसके कठोर यानी सजा वाले हिस्से को लागू करने से पहले 18 महीने का वक्त दिया जाए और इस दौरान लोगों को समझने समझाने का काम हो जाएगा.
बीजेपी सांसद ने कहा कि यह जनसंख्या नियंत्रण कानून किसी एक जाति, धर्म और विशेष क्षेत्र के लिए नहीं होगा बल्कि सभी लोगों के लिए होगा. सिन्हा के मुताबिक प्रधानमंत्री ने भी 2019 में लाल किले की प्राचीर से संसाधन और आबादी के बीच सामंजस्य की बात कही थी. इस वजह से ही देश में आज की तारीख में कड़े कानून की जरूरत है और ये बात नीतीश जी को भी समझना चाहिए.
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार हाल ही में अपनी नई जनसंख्या नियंत्रण नीति लेकर आई है और इसके साथ ही राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण बिल पर जनता से सुझाव मांग रहा है. उसी के बाद से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक बार फिर से देश भर में चर्चा शुरू हो गई है.
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