नई दिल्ली: मादक पदार्थों की रोकथाम को लेकर बिम्सटेक देशों की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि मादक पदार्थ भारत की सीमा में ना आने देंगे और ना यहां से जाने देंगे. भारत ने मादक पदार्थों के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. ये समस्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की है. हम दूसरे देशों से भी अपील करते हैं कि इस समस्या से निपटने के लिए एकजुटता दिखाएं. कॉन्फ्रेंस में कई देशों के राजदूत, बिम्सटेक के सदस्य और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी राकेश अस्थाना सहित गृह सचिव एके भल्ला मौजूद रहे.


अमित शाह ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि सभी देशों से बात करके पूरी दुनिया मे मादक पदार्थो की तस्करी रोकी जाए. आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनिया मे करीब 400 मिलियन डॉलर का लेनदेन मादक पदार्थों में होता है. इस काम की रोकथाम अकेले नहीं हो सकती. इसके लिए एक दूसरे का सहयोग करना होगा. शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने इसी सम्मेलन की शुरुआत की थी. मोदीजी के नेतृत्व में मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए पूर्ण योजना बनाई है.


शाह ने कहा कि बिम्सटेक इलाके में पूरी तरीके से ड्रग ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए कदम उठाए जाएंगे.  नशे की वजह से लत 15 से 64 साल के लोगों के भीतर पिछले 10 साल में 20 फीसदी बढ़ी हैं. ये आंकड़ा 27 करोड़ पहुंच चुका है. दुनिया भर में चार सौ बिलियन डॉलर का नशे का कारोबार होता है. अफगानिस्तान में तीन लाख हेक्टेयर में अफीम की खेती होती है जिसका काफी हिस्सा भारत में भी सप्लाई होता है. समुद्र के रास्ते भारत में म्यांमार नशीले पदार्थों की तस्करी होती है, सरकार ने ज्वाइंट कॉर्डिनेशन कमेटी की स्थापना की है.
पुलिस अकादमी में नारकोटिक्स प्रिवेंशन विंग बनी है. सोशल मीडिया पर नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.


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