नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार कल समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में भी तीन तलाक बिल पेश नहीं कर सकी. सरकार ने इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है. केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार के लिए मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलवाना अहम विषय है पर बिल राज्यसभा मे लंबित पड़ा है. इस बिल को राज्यसभा की लिस्ट ऑफ बिजनेस में एक नम्बर पर रखा गया पर विपक्ष ने लेने नहीं दिया.


बीजेपी नेता अनंत कुमार ने कहा, ''शाह बानो की तरह ही इतिहास दोहराया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस, राहुल और सोनिया गांधी ने मुस्लिम महिलाओं के साथ विश्वासघात किया. लोगों को शांति पूर्वक आंदोलन कर कांग्रेस के ऊपर नैतिक दबाव डालना चाहिए. जो लोग मुस्लिम महिलाओं को उनका हक नहीं देने को तैयार हैं, वो महिला आरक्षण पर घड़ियाली आंसू क्यों बहा रहे हैं?''


उन्होंने कहा, ''अगर लोकसभा में एक मत से तीन तलाक का बिल पास हो सकता है तो राज्यसभा में अचानक कांग्रेस को क्या आपत्ति हो गयी?'' वहीं केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि राज्यसभा से 14 बिल पास किये और तीन तलाक़ का बिल भी पास होता अगर विपक्ष नहीं अड़ता. इससे साफ है कि विपक्ष मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय नहीं चाहता.


गौरतलब है कि मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा होनी थी पर विपक्ष तीन तलाक से पहले राफेल डील पर चर्चा करने पर अड़ा था. इसी के चलते राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा नहीं हो सकी और यह बिल मानसून सत्र में राज्यसभा से पास नहीं हो सका. तीन तलाक बजट सत्र में भी पास नहीं हो सका था. विपक्ष सरकार की तरफ से लाए गए बिल में बदलाव चाहता है.


अनंत कुमार ने मानसून सत्र को सफल बताते हुए कहा कि संसद का मानसून सत्र पिछले 20 सालों का सबसे सार्थक सत्र रहा है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में 118 फीसदी काम हुआ और राज्यसभा में 74 फीसदी काम हुआ.


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