घाटी में नेताओं की हत्या के बाद से दहशत, कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने कश्मीर जाएंगे जेपी नड्डा और राम माधव
जून महीने में दक्षिण कश्मीर में सरपंच अनिल पंडिता और फिर उत्तरी कश्मीर में 8 जुलाई को बीजेपी नेता वसीम बारी की हत्या से राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं में दहशत है.
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में दो हत्याओं ने राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं में दहशत फैला दी है. कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव राम राम माधव कश्मीर पहुंच रहे हैं. जून महीने में दक्षिण कश्मीर में सरपंच अनिल पंडिता की हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने हत्या कर दी थी और फिर उत्तरी कश्मीर में 8 जुलाई को बीजेपी नेता वसीम बारी और उनके पिता और भाई की हत्या लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने कर दी.
सूत्रों के अनुसार राम माधव रविवार 12 जुलाई को कश्मीर घाटी पहुंचेंगे. राम माधव बांदीपोरा में जाकर शोक में डूबे परिवार से मिलेंगे. इसके बाद वह श्रीनगर में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिल कर उनसे हालात की जानकारी लेंगे.
अगले हफ्ते घाटी पहुंचेंगे जेपी नड्डा
राम माधव के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अगले हफ्ते घाटी पहुंच कर पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे. बांदीपोरा हत्याकांड के बाद अब सभी कार्यकर्ता सुरक्षा की मांग करने लगे हैं, खासतौर तोर पर आतंकवाद ग्रस्त दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में जहां पर हमले बढ़ने लगे हैं. गांदरबल जिले में तो बीजेपी से जुड़े नेता और कार्यकर्ता खुले तौर पर प्रशासन और पुलिस पर उंगली उठाने लगे हैं.
गांदरबल के बीजेपी के जिला अध्यक्ष बशीर अहमद के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता की हत्या के बाद पूरी घाटी में कार्यकर्ता डरे हुए हैं और प्रशासन इसके लिए ज़िम्मेदार है. बशीर के अनुसार इन हत्याओं से लग रहा है कि प्रशासन ने देश भक्तों कि सुरक्षा से नज़रें हटा कर आतंकियों के सामने हार मान कर सरेंडर कर दिया है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाहट में कश्मीर में राजनीतिक दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और पंचायत से जुड़े लोगों की हत्या करवाने में लगी हुई है और इसी के चलते 8 जुलाई को बांदीपोरा में वसीम बारी और उसके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई.
बीजेपी का कहना है कि ना सिर्फ बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन साथ ही पंचायती राज से जुड़े - पंचों और सरपंचो को भी डराने के लिए हत्या की जा रही है.
जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के अध्यक्ष अनिल शर्मा के अनुसार पंचायतों से जुड़े लोग दूर-दराज़ के खतरनाक इलाकों में सरकार और प्रशासन के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उनको सुरक्षा न दिए जाने से पंचों और सरपंचो की जान खतरे में है. इसलिए सभी पार्टियों से जुड़े लोगों को सुरक्षा दी जानी चाहिए.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना भी इस बात पर आज समर्थन करते दिख रहे हैं. आमतौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के घोर विरोधी रैना का कहना है कि इस मुश्किल समय में सभी पार्टियों से जुड़े लोगों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए ताकि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से निपटा जा सके.
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से अकेले बीजेपी से जुड़े 6 लोगों की हत्या हुई है जिनमें चार पार्टी के सीनियर नेता थे. ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कश्मीर दौरे से हालात की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
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