कर्नाटक चुनाव के बीच बीजेपी नेता और पूर्व सीएम एसएम कृष्णा छोड़ेंगे राजनीति, ये है वजह
Karnataka News: कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा ने कहा कि उम्र के इस पहलू का सम्मान करते हुए, मैंने स्वेच्छा से पर्दे के पीछे जाने का फैसला किया है. इसलिए दरकिनार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं है.
Karnataka BJP News: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा ने उम्र का हवाला देते हुए कहा है कि वह धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन से दूरी बना रहे हैं और सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे. एस. एम. कृष्णा की उम्र 90 वर्ष है. कृष्णा पहले कांग्रेस के साथ लगभग 50 सालों तक जुड़े रहे थे. कर्नाटक के पूर्व सीएम एस. एम. कृष्णा ने 2017 में कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
कृष्णा ने बुधवार (4 जनवरी) को संवाददाताओं से कहा, “मुझे पता चला कि मेरे बारे में चर्चा ज्यादा (सार्वजनिक रूप से) नहीं देखी जा रही है, हम सभी को अपनी उम्र के बारे में पता होना चाहिए. 90 साल की उम्र में हम 50 वर्षीय की तरह काम नहीं कर सकते. उम्र के इस पहलू का सम्मान करते हुए, मैं सार्वजनिक जीवन से धीरे-धीरे दूर हो रहा हूं.”
चुनाव को लेकर बोले कर्नाटक के पू्र्व सीएम
यह पूछे जाने पर कि क्या अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पुराने मैसूर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही बीजेपी के आमंत्रण पर, वह पार्टी के मंचों और बैठकों में नजर आएंगे, उन्होंने कहा कि स्थिति आने पर वह इस पर फैसला करेंगे. पुराने मैसूरु क्षेत्र में पार्टी की तरफ से उन्हें नजरंदाज किए जाने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “जब मैं सेवानिवृत्त हो रहा हूं, तो दरकिनार किए जाने या उपेक्षित होने का कोई सवाल ही नहीं है. मैंने स्वेच्छा से पर्दे के पीछे जाने का फैसला किया है. इसलिए दरकिनार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं है.”
कृष्णा के संन्यास को क्यों माना जा रहा है अहम
प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय के अनुभवी नेता कृष्णा मांड्या जिले के मद्दुरु तालुक से आते हैं जो ओल्ड मैसूरु क्षेत्र का एक हिस्सा है. वोक्कालिगा समुदाय के प्रभाव वाले ओल्ड मैसूर क्षेत्र में, कमजोर मानी जाने वाली बीजेपी 2023 के विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए इस इलाके पर ध्यान केंद्रित कर रही है. ऐसे में उनके संन्यास को अहम माना जा रहा है.
ओल्ड मैसूर क्षेत्र को कर्नाटक के पूर्व सीएम कृष्णा के गढ़ के रूप में देखा जाता है, जहां कांग्रेस भी मजबूत है, लेकिन बीजेपी यहां अपना पक्ष मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है. इस क्षेत्र में मांड्या, मैसूरु, हासन, तुमकुरु, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, कोलार और चिक्काबल्लापुर जैसे जिले शामिल हैं.
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