(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सोनिया गांधी के लेख पर BJP का पलटवार- ज्ञान देने वाले अपनी पार्टी का इतिहास फिर पढ़ लें
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा कि जो इस तरह का ज्ञान दे रहे हैं उन्हें अपनी पार्टी के इतिहास को फिर से अध्ययन करना चाहिए.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से अखबार में लिखे लेख पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस तरह का ज्ञान देने वालों को पहले अपनी पार्टी के इतिहास के बारे में ठीक से जानना चाहिए. नकवी ने कांग्रेस के पहले के शासनकाल के दौरान हुए दंगों और हिंसा का भी जिक्र किया. सोनिया गांधी ने एक अखबार के संपादकीय में लिखा था कि देश में नफरत का वायरस अंदर तक चला गया है. ये नफरत और विभाजन का वायरस है. ये मसला अविश्वास को गहरा करता है. और बहस को दबाता है. जो एक राष्ट्र और लोगों के रूप में हमें काफी नुकसान पहुंचाता है.
अपनी पार्टी का इतिहास फिर से पढ़ें ज्ञान देने वाले- नकवी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लेख पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो इस तरह का ज्ञान दे रहे हैं उन्हें अपनी पार्टी के इतिहास को फिर से अध्ययन करना चाहिए. आपको याद करना चाहिए भिवंडी, भागलपुर, मेरठ, 1984 का नरसंहार.
जो इस तरह का ज्ञान दे रहे हैं, उन्हें अपनी पार्टी के इतिहास को फिर से अध्ययन करना चाहिए। आपको याद करना चाहिए भिवंडी, भागलपुर, मरेठ, 1984 का नरसंहार: सोनिया गांधी द्वारा अख़बार में लिखे संपादकीय कि देश में नफरत का वायरस अंदर तक चला गया है पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी pic.twitter.com/8t6Mf0gXUx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 16, 2022
देश में नफरत और असहिष्णुता से काफी नुकसान- सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने लेख में कहा था कि आज हमारे देश में नफरत, कट्टरता, असहिष्णुता और असत्य का बोलबाला है. अगर हम इसे अभी नहीं रोक पाते हैं तो आगे आने वाले वक्त में इतना नुकसान होगा कि इसकी भरपाई संभव नहीं हो सकेगी. हम एक व्यक्ति के रूप में खड़े होकर नहीं देख सकते हैं क्योंकि फर्जी राष्ट्रवाद की वेदी पर शांति और बहुलवाद की बलि दी जाती है. हमें नफर की इस प्रचंड आग पर काबू पाना ही होगा. देश को स्थायी उन्माद की स्थिति में रखने के लिए विभाजनकारी योजना का हिस्सा कुछ और भी घातक है. सत्ता में बैठे लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमति और विचार को बुरी तरह से कुचलने का प्रयास हो रहा है. राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है.
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