Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर शिंदे सरकार के फैसले के विरोध में केंद्रीय मंत्री, बोले- फैल सकती है अशांति
Maharashtra News: नारायण राणे ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से अन्य पिछड़े समुदायों के अधिकारों पर असर पड़ेगा.

Narayan Rane on Maratha Reservation: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के एक फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने रविवार (28 जनवरी) को मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले सभी लाभ देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर असहमति जताई.
नारायण राणे ने माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट के जरिए कहा, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार के इस कदम से अन्य पिछड़े समुदायों के अधिकारों पर असर पड़ेगा. महाराष्ट्र में इससे अशांति फैल सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि वह सोमवार (29 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और मराठा कोटे से जुड़े मुद्दे पर विस्तार से बात करेंगे.
27 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने दिया था भरोसा
27 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे की सभी मांगें मान ली थीं. जारांगे ने इसके बाद अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया था. फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे. राज्य सरकार ने आंदोलन खत्म कराने के लिए एक मसौदा अध्यादेश भी जारी किया था.
Union Minister Narayan Rane tweeted, "I do not agree with the decision taken by the state government and the hope given regarding the reservation of the Maratha community. This has historical traditions of the Maratha community and encroachment on other backward… pic.twitter.com/YWtjy4rfTj
— ANI (@ANI) January 29, 2024
राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ छगन भुजबल भी
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सिर्फ नारायण राणे ही नहीं, बल्कि कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल भी हैं. वह अजित पवार खेमे से नेशनल कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं. उन्होंने भी राज्य सरकार के इस फैसले पर असंतोष जताया और ओबीसी श्रेणी में मराठों के पिछले दरवाजे से प्रवेश पर सवाल खड़े किए. उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि मराठों को बिना किसी सबूत के कुनबी जाति प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा.
महाराष्ट्र में अभी शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), भारतीय जनता पार्टी और एनसीपी (अजीत पवार गुट) की गठबंधन सरकार है. इस बीच, राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि नारायण राणे और छगन भुजबल का राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलना एकनाथ शिंदे की परेशानी बढ़ा सकता है.
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