Women Reservation Bill: महिला आरक्षण जल्द लागू करने को लेकर सियासी घमासान जारी है. इस मामले को लेकर रविवार (24 सितंबर) को बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) नेताओं ने एक दूसरे पर निशाना साधा. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने परिसीमन को लेकर राहुल गांधी पर तंज कसा तो कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने भी केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. 


कांग्रेस की तुरंत महिला आरक्षण लागू करने की मांग पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-82 के तहत 2026 तक परिसीमन पर रोक है. इससे पहले परिसीमन कैसे कराया जा सकता है? राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं, अगर वह सीट महिला के लिए आरक्षित कर दें तो क्या वह हमारी आलोचना नहीं करेंगे. 


अर्जुन राम मेघवाल का कांग्रेस पर निशाना


उन्होंने कहा कि इसलिए परिसीमन समिति तय करेगी कि कौन-सी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि कांग्रेस ने 2009 में महिला आरक्षण विधेयक सबसे पहले राज्यसभा में क्यों पेश किया था? लोकसभा में लाने से पहले ही कांग्रेस ने अपनी सरकार बचाने के लिए विधेयक गिरा दिया था. 


सुप्रिया श्रीनेत ने पूछे सवाल


इस मामले कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि उन्हें (बीजेपी) महिला शक्ति की बात नहीं करनी चाहिए. महिलाओं को आरक्षण कब मिलेगा, कोई नहीं जानता. सरकार चाहे तो जनगणना और परिसीमन को छोड़कर इसे लागू कर सकती है. 


"बिल तुरंत लागू करें"


कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि हमारी मांग है कि इसमें ओबीसी महिलाओं को शामिल करें और बिल तुरंत लागू करें. बता दें कि, संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण से जुड़ा बिल दोनों सदनों में पारित हो गया है. इसमें लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. विपक्षी दलों ने इसे जल्द लागू करने और इसमें ओबीसी को शामिल करने की मांग की है.


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