महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने एंटीलिया केस को लेकर वर्तमान उद्धव सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एंटीलिया केस में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या की जाती है, उससे बड़ी और कोई घटना नहीं हो सकती है. फडणवीस ने कहा कि आज राजनीति का अपराधीकरण हो चुका है. फडणवीस ने कहा कि जब पुलिस की इस तरह की घटना में शामिल हो जाए तो क्या किया जा सकता है.


उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर क्यों एपीआई सचिन वाजे को सर्विस में वापस लिया गया. फडणवीस ने कहा- “मेरे मुख्यमंत्री रहते मेरे ऊपर शिवसेना का काफी दबाव था सर्विस में वापस लेने का. लेकिन मैंने लीगल सलाह के बाद उन्हें वापस नहीं लिया.”


फडणवीस का शिवसेना पर सवाल


महाराष्ट्र बीजेपी के सीनियर नेता देवेन्द्र फडणवीस ने आगे कहा- "मुंबई में जिस प्रकार से एंटीलिया के सामने स्कोर्पियो में जिलेटिन मिला, मनसुख हिरन का खून किया जाता है यह पहले कभी नहीं हुआ. 90 के दशक में राजनीतिक का अपराधिकरण देखा था, अब रक्षा करने वाले ही अपराधी बन जाये तो क्या होगा. सचिन वाजे को क्यों सेवा में वापस लिया गया? वे शिवसेना से जुड़े थे और जब महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार आई तो कोरोना का बहाना बनाकर सचिन वाजे को वापस लिया गया."


फडणवीस ने आगे कहा- सचिन वाजे को नौकरी में वापस क्यों लिया गया. 2004 में सस्पेंड हुए. 2007 में वीआरएस के लिए अप्लाई किया था. जिसे रिजेक्ट कर दिया गया. जब मैं सीएम था....तब 2018 में शिवसेना की तरफ से दबाव था कि इनको नौकरी में वापस लिया जाए...लेकिन मैंने मना कर दिया. 2008 में वह शिवसेना में प्रवेश किया और शिवसेना के प्रवक्ता के तौर पर भी काम किया. सचिन वाजे को सरकार आते ही लाने के प्रयास किए जाने लगे. कोरोना का बहाना बनाकर. चूंकि कोरोना में अधिकारियों की कमी थी. इसका बहाना बनाकर इनको वापस लिया. सचिन वाजे को लेते ही  क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख बना दिया.


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