मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार के साथ मिलकर 80 घंटे तक चली अल्पकालिक सरकार बनाने के फैसले को गलती मानते हुए शुक्रवार को कहा कि इस भूल का उन्हें कोई पछतावा नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के नेता फडणवीस ने एक मराठी के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही.
फडणवीस ने कहा, ‘‘मुझे उसका कोई पछतावा नहीं है, लेकिन हमें ऐसी सरकार नहीं बनानी चाहिए थी. यह एक भूल थी.’’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम में किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस, मिलकर राज्य में गैर-भाजपा सरकार बनाने की कवायद में जुटे हुए थे, ऐसे में 23 नवंबर 2019 की सुबह राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में फडणवीस और पवार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की शपथ लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी थी.
बीजेपी नेता ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर चुनाव पूर्व किए गए गठबंधन को छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हालांकि अजीत पवार के साथ सरकार बनाने का फैसला एक भूल थी, लेकिन जब आपकी पीठ में छुरा भोंका जाता है तो आपको राजनीति में बने रहने के लिए ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं.’’
फडणवीस ने कहा, ‘‘राजनीति में बने रहने के लिए जो आवश्यक होता है, वो आपको करना होता है. जब आपकी पीठ में छुरा भोंका जाता है तो आपको भी करारा जवाब देना पड़ता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार बनाने का मौका आया तो हमने उसे भुनाया. अब मैं यह कह सकता हूं कि उस समय जो हमने किया हमारे सभी समर्थकों को पसंद नहीं आया था.’’
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर पूरी तरह से सहमत हूं कि ऐसा करने से समर्थकों के बीच मेरी छवि खराब हुई थी. बेहतर होता कि हमने अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई होती, लेकिन उस समय मैंने सोचा कि यह सही फैसला है.’’
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद ही फडणवीस को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. फडणवीस ने कहा कि अजीत पवार ने उनसे कहा था कि वह निजी कारणों से उप मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं. राज्य में शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार बनने के बाद एनसीपी के नेता अजीत पवार दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे.
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