नई दिल्ली: जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसपर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इस याचिका में केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की गई है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका इस आधार पर दायर की है कि देश में अपराध, बढ़ता प्रदूषण और नौकरियों की कमी का मुख्य कारण जनसंख्या विस्फोट है.
याचिका में जनसंख्या नियंत्रण के लिए न्यायमूर्ति वेंकटचलैया की अगुवाई में राष्ट्रीय संविधान समीक्षा आयोग (एनसीआरडब्ल्यूसी) की सिफारिशें लागू करने का भी अनुरोध किया गया. याचिका में अश्विनी ने कहा, ‘एनसीआरडब्ल्यूसी ने दो साल तक काफी प्रयास और व्यापक चर्चा के बाद संविधान में अनुच्छेद 47ए शामिल करने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था.
याचिका में कहा गया, ''अब तक संविधान में 125 संशोधन हो चुके हैं, सैकड़ों नए कानून लागू किए गए लेकिन जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया जिसकी देश को अत्यंत आवश्यकता है और जिससे भारत की 50 फीसदी से ज्यादा समस्याएं दूर हो सकती हैं.''
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