Lahuji Salve: कुश्ती के गुरू लाहूजी साल्वे के सम्मान में BJP MLA ने की मेगा प्रतियोगिता करवाने की मांग, जानें उनके बारे में
Lahuji Salve: पडलकर ने कहा की कुश्ती महाराष्ट्र में एक पारंपरिक और लोकप्रिय खेल रहा है. साल्वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा हो सकते हैं. साल्वे ने समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को संरक्षण दिया था.
BJP Leader Demands mega Wrestling Event to Honour Lahuji Salve: पिछड़े वर्ग के दिवंगत सामाजिक कार्यकर्ता लाहूजी साल्वे (lahuji Salve) को सम्मानित करने के इरादे से भाजपा नेता (BJP Leader) और विधायक गोपीचंद पडलकर (Gopichand Padalkar) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) से उनके नाम पर कुश्ती चैंपियनशिप (Wrestling Championship) शुरू करने की मांग की. पडलकर ने कहा की 1794 में जन्मे साल्वे ने अपने पिता से कुश्ती सीखी और एक विशेषज्ञ पहलवान बने, जिसकी वजह से उन्हें 'वस्ताद' (या फिर कहें उस्ताद ) की उपाधि दी और साल्वे के पास पुणे के गंज पेठ में एक व्यायामशाला भी थी.
पडलकर ने कहा की कुश्ती महाराष्ट्र में वर्षों से एक पारंपरिक और लोकप्रिय खेल रहा है. साल्वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा हो सकते हैं. साल्वे ने समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को संरक्षण दिया था. साल्वे ने गांवों में कुश्ती शुरू की और कई युवाओं को इस खेल की ओर आकर्षित किया. हालांकि, पहले की महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कभी सम्मानित नहीं किया या उनके नाम पर कभी किसी योजना का नाम नहीं दिया.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की बात
पडलकर ने एक कार्यक्रम में आगे कहा, 'मैंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मेगा कुश्ती शुरू करने के लिए कहा है. मैं जल्द ही व्यक्तिगत रूप से फडणवीस से मिलूंगा और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करूंगा.' भाजपा नेता ने बताया, 'साल्वे ने समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को संरक्षण दिया था. साल्वे ने गांवों में कुश्ती शुरू की और कई युवाओं को इस खेल की ओर आकर्षित किया. हालांकि, पहले की महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कभी सम्मानित नहीं किया या उनके नाम पर कभी किसी योजना का नाम नहीं लिया.'
लाहूजी ने की थी ज्योतिबा फूले दंपति की मदद
नवगठित राज्य सरकार (State Government) के साथ एक प्रस्ताव के साथ आते हुए, पडलकर ने कहा, 'मैंने फडणवीस (Devendra Fadanvis) जी से मेगा कुश्ती (Mega Wrestling)शुरू करने के लिए कहा है, यहां तक कि राज्य द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित (funded) भी. मैं व्यक्तिगत (Personally) रूप से उनसे मिलूंगा और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करूंगा.' ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) और उनकी पत्नी सावित्रीबाई (Savitribai) द्वारा किए गए पथ-प्रदर्शक कार्य के कारण, दंपति को कभी-कभी गंभीर आलोचना और लोगों के हमलों (Physical Attack) का सामना करना पड़ा. लाहूजी, उन्हें हमलों से बचाने के लिए उनके साथ खड़े रहे और उनके सामाजिक सुधारों में मदद की. फुले ने सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण के लिए लहूजी की भी सराहना की.
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