गुवाहाटी: देश में कोरोना के मामलों के बीच राजनीतिक दलों की चुनावी रैलियों पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि कोरोना के मामले बढ़ने और रैलियों के बीच कोई संबंध नहीं है. हेमंत बिस्वा ने शनिवार को कहा कि असम में चुनाव प्रचार रैलियों और बढ़ते कोविड -19 मामलों के बीच कोई संबंध नहीं है और स्टडीज से पता चला है कि जिन जगहों पर रैलियां हुई थीं, वहां से एक भी कोरोना वायरस केस रिपोर्ट नहीं हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी कैंडिडेट संक्रमित नहीं हुआ .


असम में विधानसभा चुनाव के लिए 27 मार्च और 1 अप्रैल और 7 अप्रैल को वोटिंग हुई थी और राजनीतिक दलों ने पूरे राज्य में मार्च से 4 अप्रैल तक प्रचार किया था. राज्य में कोविड -19 मामले फरवरी में सबसे कम 396 थे और  मार्च में 875 हो थे.16 अप्रैल तक कोरोना के मामले 4,528 तक पहुंच गए.


मेरे निर्वाचन क्षेत्र में रैली की जगह नही आया कोई मामला- हेमंत 
 हेमंत ने कहा “हमने चुनावी रैलियों और नए कोविड मामलों के बीच लिंक कोई था क्या, यह जानन के लिए स्टडी की. लेकिन पाया गया कि किसी भी रैली वेन्यू से एक भी कोविड -19 केस रिपोर्ट नहीं हुआ है. मेरे निर्वाचन क्षेत्र में 4 अप्रैल को सुवालकुची में एक रैली आयोजित की गई थी और वहां से अब तक एक भी कोविड का मामला सामने नहीं आया है. ”


बाहर से आने वाले लोगों से फैला संक्रमण
सरमा  ने आगे कहा “रैलियों और कोविद मामलों के बीच किसी ने भी लिंक एस्टेब्लिश नहीं किया है. जो एस्टेब्लिश हुआ है, वह यह है कि असम में कोविड मामलों में वृद्धि उन लोगों की वजह से हुई है जिन्होंने राज्य के बाहर से वायरस लाकर अपने परिवारों में फैलाया है. ” हेमंत बिस्वा ने कहा कि असम के कोविड के मामले केवल गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तिनसुकिया जैसे व्यापारिक या औद्योगिक केंद्रों से रिपोर्ट किए गए हैं जहां मेजर रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे हैं. 



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