Water Crisis on Tamil Nadu: तमिलनाडु बीजेपी के चीफ के अन्नामलाई ने सोमवार (15 जुलाई) को डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पानी के संकट को कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता चिंताजनक स्तर पर है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यदि सही समय में उपाय नहीं किए गए तो प्रदेश को 2050 तक भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा.
के. अन्नामलाई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि तमिलनाडु में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता चिंताजनक स्तर पर है और राज्य सरकार ने इस जोखिम को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं. जबकि खेती योग्य भूमि क्षेत्र पहले से ही रिकॉर्ड निम्न स्तर पर है, अगर अभी कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो साल 2050 तक तमिलनाडु में पानी की सबसे ज्यादा कमी हो जाएगी.
तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी क्यों नहीं दे रहा कर्नाटक?
दरअसल, कावेरी जल नियंत्रण समिति की बैठक में कर्नाटक को 12 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रतिदिन तमिलनाडु को कावेरी का 11,500 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश राज्य के लिए एक झटका है जब चारों जलाशय अब तक पूर्ण रूप से भरे नहीं हैं. राज्य का तर्क है कि जुलाई के अंत तक बारिश और जल भंडारण की स्थिति को देखने के बाद तमिलनाडु को पानी छोड़ने के बारे में फैसला लिया जाना चाहिए. हालांकि, सीडब्ल्यूआरसी ने पानी छोड़ने की सिफारिश की है.
तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक के फैसले की निंदा की
वहीं, कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए केवल 8,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला लिया. इस पर 14 जुलाई को तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक के फैसले की निंदा की. जहां अगली सर्वदलीय बैठक मंगलवार को होगी. बता दें कि, यह बैठक राज्य सचिवालय में सुबह करीब 11 बजे होगी और इसकी अध्यक्षता जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन करेंगे.
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