मुंबई: बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कथित रूप से 12,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने के लिए गंभीर आरोप लगाए है. किरीट सोमैया का दावा है कि उद्धव ठाकरे के कहने पर, महानगरपालिका आयुक्त ने 72 घंटे के भीतर 3,000 और 7000 करोड़ रुपये की निजी बिल्डर की जमीन खरीदने का प्रस्ताव पारित किया.


किरीट सोमैया इस संदर्भ मे राज्यपाल से मिलेंगे और उन्हें लोकायुक्त से मामले की जांच करने का आदेश देने की मांग करेंगे. सोमैया के अनुसार, अस्पताल के निर्माण के लिए 7,000 करोड़ रुपये, जमीन के लिए 3,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए और 2,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे. लेकिन यह सब करने में, कोई प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी.


किरीट का आरोप है कि उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, नगर निगम के अधिकारियों या उनके सहयोगियों से सलाह किए बिना कोविड टास्क फोर्स की बैठक में इस मामले पर चर्चा की. चर्चा के बाद, नगरपालिका आयुक्त तुरंत प्रस्ताव पारित करने के लिए तैयार हो गए.


किरीट ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुख्यमंत्री ने घोटाले को अंजाम देने के लिए टास्क फोर्स का इस्तेमाल करने की कोशिश की. प्रस्ताव को 20 जुलाई, 2020 को एक बैठक में पारित किया गया, जिसमें एक टास्क फोर्स का गठन कोविड की सलाह के लिए किया गया था और सलाह के अलावा कोई अधिकार नहीं था. साथ ही, इस टास्क फोर्स की बैठक के मिनट भी नहीं रखे गए थे.


किरीट ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे अस्पताल स्थापित नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह घोटाला उनके निकटतम बिल्डर को 2,000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.


किरीट सोमैया ने आरोप लगाया की मुंबई में स्थापित कई जंबो कोविड सेंटर को सुविधा राज्य सरकार द्वारा नहीं दी जा सकती, लेकीन इतनी बड़ी राशि कोविड जैसी बीमारी के लिए खर्च की जाती है जो 100 वर्षों में एक बार आती है. क्या इतनी बड़ी राशी खर्च किये जाने की आवश्यकता है?


शिवसेना ने अभी तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिवसेना किरीट सोमैया के इन आरोपो का क्या जवाब देगी?