Supreme Court on Maneka Gandhi Plea: यूपी के सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद राम भुआल निषाद का निर्वाचन रद्द करने की मांग वाली मेनका गांधी की याचिका पर सुनवाई 10 दिन के लिए टल गई है. अब कोर्ट इस मामले में 30 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा.


पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता मेनका गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने शुक्रवार (20 सितंबर 2024) को मामले की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें रखीं. उन्होंने अपने पक्ष में जाने वाले कुछ फैसले रखने के लिए अदालत से समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका


यूपी के सुल्तानपुर से इस बार लोकसभा चुनाव हारने वाली बीजेपी नेता मेनका गांधी ने विजयी उम्मीदवार राम भुआल निषाद का निर्वाचन रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि नामांकन के समय दाखिल हलफनामे में राम भुआल निषाद ने अपने खिलाफ दर्ज चार मुकदमों की जानकारी छिपाई. मेनका गांधी ने इस संबंध में सबसे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका डाली थी, लेकिन हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मेनका की याचिका खारिज कर दी थी कि उन्होंने कानून में तय समय सीमा बीत जाने के बाद याचिका दाखिल की.


जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-81 को भी दी है चुनौती


इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने अपनी याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-81 को भी चुनौती दी है. इस धारा में चुनाव याचिका दाखिल करने के लिए 45 दिन की समय सीमा तय की गई है. इसी समय सीमा की वजह से हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की थी.


कोर्ट ने कहा- सोच विचार कर संसद ने रखी है सीमा


इससे पहले शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद ने सोच-विचार कर यह सीमा तय की है. इस पर मेनका गांधी के वकील लूथरा ने अपने पक्ष में जाने वाले कुछ पुराने फैसलों को कोर्ट में रखने की अनुमति मांगी. अदालत ने उन्हें यह मोहलत दी और अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की है.


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