मुंबई: महाराष्ट्र में आज राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. इस बीच बीजेपी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि हम सरकार बनाएंगे. बीजेपी सांसद नारायण राणे ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करेगी. देवेंद्र फडणवीस इस दिशा में पूरा प्रयास कर रहे हैं. राणे ने कहा, ''सरकार के लिए जो करना होगा करेंगे. 145 विधायकों को जुटाने की कोशिश जारी है. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना लोगों को उल्लू बना रही है.''


उन्होंने कहा, ''महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के लिए शिवसेना जिम्मेदार है. चुनाव से पहले जो गठबंधन हुआ था इसका मान सेना ने नहीं रखा.'' राणे ने कहा कि कांग्रेस के नेता मुंह पर कुछ और पीठ पीछे कुछ और बोलते हैं. ये उद्धव ठाकरे को समझना चाहिए.


देवेंद्र फड़णवीस ने भी राष्ट्रपति शासन पर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी दल स्थिति को गंभीरता से लेंगे और हमें उम्मीद है कि राज्य को जल्द ही स्थिर सरकार मिलेगी.






बीजेपी नेता के बयान से ठीक पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और कांग्रेस-एनसीपी ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत जारी है. उद्धव ने कहा कि अलग-अलग विचारधाराओं वाली पार्टी है, बातचीत जारी है.


महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इसके बाद राज्य विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी. अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले आज दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की रिपोर्ट पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की.


उद्धव ठाकरे ने कहा- कल मैंने पहली बार कांग्रेस-एनसीपी को संपर्क किया, बातचीत जारी है


बीजेपी के सरकार गठन के दावे से इनकार किए जाने के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन पत्र जुटाने में विफल रही. इसके बाद राज्यपाल ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक सरकार गठन का दावा करने को कहा था.


राज्यपाल ने हालांकि, दोपहर को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि एनसीपी ने मंगलवार सुबह उनसे कहा कि पार्टी को आवश्यक समर्थन जुटाने के लिए तीन दिन का समय और चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि राज्यपाल को लगा कि 15 दिन का समय पहले ही गुजर चुका है तथा वह और समय देने की स्थिति में नहीं हैं.


पिछले महीने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी. भाजपा और शिवसेना गठबंधन के पास पर्याप्त बहुमत था, लेकिन शिवसेना ने अलग रास्ता अपना लिया.


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