बीजेपी की बैठक से दूर रहे राजीव बनर्जी, कहा- TMC सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को लोग पसंद नहीं करेंगे
बीजेपी नेता राजीव बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की TMC सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को लोग पसंद नहीं करेंगे.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल बीजेपी में क्या सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कई नेतोओं के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी ने कहा कि अगर जनता के भारी समर्थन से चुनी गई सरकार का विरोध करने के लिए दिल्ली और अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) की धमकियों का इस्तेमाल किया जाता है, तो लोग इसे पसंद नहीं करेंगे.
हावड़ा जिले में दोमजूर सीट से जीत हासिल करने में विफल रहने वाले राजीव बनर्जी ने ट्वीट किया, "हमें राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और बंगाल के लोगों के साथ खड़ा रहना चाहिए, जो कोविड और यास से तबाह हो गये हैं.’’
बता दें कि चुनाव बाद बंगाल में हुई हिंसा का बीजेपी विरोध कर रही है और केंद्र से एक्शन लेने की मांग कर रही है. ममता सरकार में मंत्री रहे राजीव बनर्जी मंगलवार को बीजेपी की बैठक से भी दूर रहे.
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के खिलाफ मोर्चाबंदी को लेकर बैठक बुलाई थी. उन्होंने बैठक के बाद दावा किया कि सभी जिलों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से संबंध रखने वाले गुंडे उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं और उन्हें अपने घरों से भागने को मजबूर कर रहे हैं.
पिछले कुछ हफ्तों में चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी में गए कुछ नेताओं ने ममता बनर्जी के खेमे में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई है. इनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास हैं. कुछ अन्य नेताओं ने भी कथित तौर पर 'घर वापसी' की उम्मीद में पार्टी नेतृत्व को संदेश भेजे हैं.
तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने दो जून को मुकुल रॉय की बीमार पत्नी से मुलाकात की थी. इसके बाद से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है.