Mundka Fire Politics: हादसे के बाद सियासत हुई तेज, रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर उठाए ये गंभीर सवाल
Mundka Fire: दिल्ली के मुंडका इलाके में एक इमारत में लगी आग ने 27 मासूसों की जिंदगियां लील ली हैं. वहीं इस हादसे के बाद सियासत तेज हो गई है और नेता एक दूसरे पर सवाल उठा रहे हैं.
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Mundka Fire Politics: दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार शाम तकरीबन 4 बजे एक बिल्डिंग में आग लगने से 27 लोगों की की जान चली गई. इस अग्निकांड पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर यह हादसा हुआ कैसे और इसका जिम्मेदार कौन. इसी बीच दिल्ली में इसको लेकर सियासत भी तेज हो गई है. आज दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस अग्निकांड से जुड़े कई सवाल उठाए. बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उनसे पूछा कि पिछले काफी दिनों से दिल्ली में अनेक जगह आग लगी है. मुंडका में जिस जगह आग लगी लोगों का कहना है कि वहां फायर विभाग की गाड़ियां देर से पहुंची.
रामवीर सिंह बिधूड़ी के मुताबिक वहां के लोकल लोगों ने फंसे हुए लोगों की निकलने में मदद की. वहां समय से क्रेन भी नहीं पहुंची, वरना शायद कुछ और जानें बच जाती. बीजेपी नेता सवाल किया कि क्या कभी फायर डिपार्टमेंट ने उस बिल्डिंग को विजिट किया था. केजरीवाल कहते हैं कि हम लोगों को 24 घन्टे बिजली देते हैं, तो उस बिल्डिंग के नीचे जनरेटर क्यों चल रहा था. इलाके के एसडीएम ने क्या कार्यवाही की. ऐसी जानकारी भी आई है कि ग्राम सभा की जमीन पर वह बिल्डिंग थी. वहां पर अवैध रूप से जनरेटर चलाया जा रहा था.
बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर उठाए सवाल
बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार के साथ फायर डिपार्टमेंट की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाए. लेकिन बीजेपी शासित एमसीडी की जिम्मेदारी इस पर क्या है और क्या तय होनी चाहिए. इस पर जब एबीपी न्यूज़ ने उनसे सवाल किया तो पहले तो उन्होंने बड़े दबे लफ्जों में जवाब दिया. लेकिन उसके बाद में जब उनसे कई कड़े सवाल किए गए तो उन्होंने इस बात को कुबूल किया और कहा कि अगर इसमें एमसीडी की लापरवाही है तो जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
आपको बता दें कि मुंडका में जिस जगह यह तीन मंजिला इमारत बनी हुई थी उस पर बीजेपी ने तो ग्राम सभा की जमीन और दिल्ली सरकार की कमी पर सवाल उठाकर अपनी जिम्मेदारी को छुपा लिया. लेकिन यहां पर बड़ा सवाल यह बनता है कि अगर वहां पर यह बिल्डिंग बनी हुई है तो इस बिल्डिंग को बिना फायर एनओसी और बाकी चीजों के एमसीडी ने बनने की इजाजत कैसे दे दी. वहीं अगर यहां कोई कमर्शियल काम हो रहा था तो इस रेजिडेंशियल बिल्डिंग में एमसीडी के लाइसेंस के बिना यह कैसे हो रहा था.
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने की जांच की मांग
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों को नोटिस दिया है कि क्या वहां पर कुछ गलत था. दिल्ली सरकार की कमी रही हो चाहे फायर डिपार्टमेंट की कमी रही हो, चाहे एमसीडी की कमी हो, जांच होनी चाहिए. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, चाहे उसके लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार हो या चाहे एमसीडी जिम्मेदार हो. लेकिन यह घटनाएं रुकनी चाहिए. अरविंद केजरीवाल दिल्ली हाईकोर्ट के सिटिंग जज से इसकी जांच करवाएं और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे नॉर्थ एमसीडी मेयर !
वहीं दिल्ली के नॉर्थ एमसीडी मेयर राजा इकबाल सिंह से जब उनकी जिम्मेदारी को लेकर बात की गई तो उन्होंने सबसे पहले तो इस बात को ही नकार दिया कि उनकी इस बारे में कोई जिम्मेदारी भी बनती है. जब उनसे बिल्डिंग की इजाजत और बिना लाइसेंस कमर्शियल काम होने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि रेजिडेंशियल पर्पस के लिए इन्होंने शुरू में बनाया था. उसके बाद कमर्शियल इस्तेमाल कर लिया. ना उनके पास कोई लाइसेंस था ना फायर एनओसी. आग लगती है तो उसको बुझाने के लिए कोई भी इक्विपमेंट्स उनके पास नहीं था. जांच के आदेश दिए हैं, 48 घंटों के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
पब्लिक अवेयरनेस की भी कमी- मेयर
उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट आने दीजिए जो भी अधिकारी इसमें शामिल होंगे उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. साथ ही साथ दिल्ली सरकार को भी कहा जाएगा कि फायर डिपार्टमेंट के लोगों ने अच्छे से काम किया. लेकिन उसमें भी कमी रही है. उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. लेकिन इसमें एमसीडी की कोई जिम्मेदारी नहीं है, कोई इंवॉल्वमेंट नहीं है. ऐसी बात आई है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है. रेजिडेंशियल एरिया था रेसिडेंस के हिसाब से फ्लोर बनाया गया था. ये 20 साल पुरानी बिल्डिंग है आज की बिल्डिंग नहीं है. एंक्रोचमेंट ड्राइव हमने अपनी लगा रखी है और जहां पर भी इलीगल कंस्ट्रक्शन है उस पर काम हो रहा है. जिम्मेदारी तो हम सबकी है. लेकिन पब्लिक अवेयरनेस की कमी भी कह सकते हैं कि हम आंख बंद कर लेते हैं. हम सब की कमी है. रिपोर्ट आने दीजिए अभी कुछ भी कहना मुश्किल है.
बहरहाल 27 मासूमों की आग में जलकर मौत हो जाती है और नेता जिम्मेदारी से दूर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं. अब सवाल ये है कि इस घटना की जांच कब तक होगी और इन मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन होगा और कैसे ये जिम्मेदारी तय होगी.
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