हिंदी भाषा विवाद के बीच भाजपा छोड़ विजय की TVK में शामिल हुईं एक्ट्रेस रंजना नचियार, जानें क्या लिखा इस्तीफे में
Ranjana Natchiyaar Join TVK: डीएमके हो या फिर एआईएडीएमके, दोनों नहीं बीजेपी की शिक्षा नीति की आलोचना की है. रंजना नचियार ने कहा सभी बच्चे भाषविद नहीं होते, उन्हें मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

Ranjana Natchiyaar Join TVK: तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि भाजपा नेता रंजना नचियार ने बुधवार (26 फरवरी, 2025) को अभिनेता विजय की तमिलगा वेत्री कझगम ज्वाइन कर ली है. 8 साल पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई रंजना ने एक दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया और आज टीवीके में शामिल हो गईं. रंजना ने यह फैसला हिंदी भाषा को थोपने के मुद्दे पर उनकी असहमति के चलते लिया है.
रंजन नचियार बुधवार सुबह चेन्नई के पास एक प्राइवेट रिसोर्ट में टीवीके की एनिवर्सरी पार्टी में नजर आईं और विजय की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अगले MGR हैं. MGR मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन के नाम का शॉर्ट फॉर्म है, जो कभी तमिल फिल्म के अभिनेता हुआ करते थे और उसके बाद उन्होंने पॉलिटिक्स ज्वाइन कर ली. 1970 से 80 के दशक में वह मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की स्थापना की, जो कि प्रदेश की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक है और वर्तमान में विपक्ष में है.
भाजपा के शिक्षा नीति का सबसे बड़ा नतीजा है रंजना नचियार का इस्तीफा
अभिनेता विजय की टीवीके पार्टी ज्वाइन करने के बाद रंजना ने कहा, “मैं विजय की राष्ट्रवाद और द्रविड़ नीतियों से इंप्रेस थीं और इसलिए उन्होंने पार्टी ज्वाइन की. विजय तमिलनाडु की सबसे बड़ी उम्मीद है.” रंजना के टीवीके में शामिल होने को भाजपा के तीन भाषा फार्मूला के पहले बड़े नतीजे के रूप में देखा जा रहा है. भाजपा के इस फार्मूले की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता खूब आलोचना कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि हिंदी थोपी जा रही है.
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— Ranjana Natchiyaar (@RanjanaNachiyar) February 25, 2025
DMK और AIADMK ने की भाजपा की आलोचना
रंजना नचियार ने अपने इस्तीफा में लिखा कि एक तमिल महिला के रूप में मैं तीन भाषा फार्मूले के लागू होने, द्रविड़ों के प्रति बढ़ती दुश्मनी और तमिलनाडु की जरूरत और आकांक्षाओं की उपेक्षा को स्वीकार नहीं कर सकती. चाहे डीएमके हो या फिर एआईएडीएमके, दोनों नहीं बीजेपी की शिक्षा नीति की आलोचना की है. उन्होंने कहा सभी बच्चे भाषविद नहीं होते और बच्चों को दूसरी भाषा सीखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
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