Unified Pension Scheme: यूनिफाइड पेंशन स्कीम मामले पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. नई पेंशन स्कीम के मुद्दे पर जहां कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशना साध रही है तो वहीं बीजेपी नेता इस स्कीम को जनहित में उठाया कदम बता रहे हैं. रेलवे समेत अन्य विभागों के कई कर्मचारियों को भी स्कीम कुछ खास रास नहीं आ रही है.
इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता रविशंकर प्रसाद ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की तारीफ की है. उन्होंने कहा, 'शनिवार (24 अगस्त) को कैबिनेट का बड़ा निर्णय हुआ है. हमारे प्रधानमंत्री मांगों को सुनते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार अच्छे से विचार करके और सोच-समझ कर काम करती है. केंद्र सरकार जो भी करती, वो जनहित को ध्यान में रखकर किया जाता है.'
'कल्याणकारी सोच दिखाई देती है'
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को 50% पेंशन मिलेगी. कर्मचारी की मौत के बाद परिवार को 60% पेंशन मिलेगी.' बता दें कि पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम की तारीफ की थी. उन्होंने लिखा, 'सरकार का ये कदम कर्मचारियों के कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'
कांग्रेस पर साधा निशाना
इस मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम मामले पर कुछ राजनीतिक सवाल उठाए जा रहे हैं. पहले ओपीएस थी फिर 2004 में एनपीएस बनी. तब कांग्रेस पार्टी ने भी एनपीएस का समर्थन किया लेकिन बाद में वही विरोध करने लगे.' बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले साल ही सोमनाथन जी की अध्यक्षता में कमेटी बनी और उनकी रिपोर्ट को कैबिनेट ने स्वीकार किया.
90 लाख हो सकती है लाभार्थियों की संख्या?
केंद्र सरकार ने कहा कि यदि राज्य सरकारें यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) का विकल्प चुनती हैं तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी. सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी.
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