नई दिल्ली: बीजेपी ने नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान की निंदा की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूछा कि क्या देश की संप्रभुता पर प्रश्न उठाना एक सांसद को शोभा देता है? अब्दुल्ला श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘एक तरह से फारूक अब्दुल्ला अपने इंटरव्यू में चीन की विस्तारवादी मानसिकता को न्यायोचित ठहराते हैं, वहीं दूसरी ओर एक देशद्रोही कमेंट करते हैं कि भविष्य में हमें अगर मौका मिला तो हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे.’’


फारूक अब्दुल्ला ने कथित तौर पर चीन की मदद से जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल किए जाने की उम्मीद जताई थी. अब्दुल्ला ने रविवार को कथित रूप से कहा था, ‘‘जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं. हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया...मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया और उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है. और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं. अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल हो.’’


बीजेपी का वार
संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पूर्व में दिए गए बयानों का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है. दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.’’


पात्रा ने कहा, ‘‘सही मायने में कहा जाए तो यह देश विरोधी बयान है. यह कोई पहली बार नहीं है. कई बार इस प्रकार के उन्होंने बयान दिए हैं. जिनको सुनकर आप दंग रह जाएंगे.’’


उन्होंने पूछा कि क्या देश की संप्रभुता पर प्रश्न उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह लगाना एक सांसद को शोभा देता है? क्या ये देश विरोधी बातें नहीं हैं? उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे प्रश्न खड़े करती हैं.’’


केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की घोषणा की थी. साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था.


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास में जाएंगे और राहुल गांधी के बयानों को सुनेंगे तो पाएंगे कि उनमें और फारूक अब्दुल्ला में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों के बयान एक प्रकार से हैं. मोदी जी से घृणा करते-करते, अब यह लोग देश से घृणा करते हैं.’’