Waqf Board Bill Amendment: लोकसभा में गुरुवार (08 अगस्त) को पेश हुए वक्फ संशोधन बिल पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. जहां बीजेपी नेता बराबरी की बात करते हुए पक्ष में दलीलें दे रहें हैं तो वहीं विपक्षी नेता अन्याय की बात करते हुए इसका विरोध कर रहे हैं. लोकसभा में भी बिल को पेश करने के दौरान काफी हंगामा हुआ. 


वक्फ संशोधन बिल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार की तारीफ की है. वहीं उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. स्मृति ईरानी ने कहा, 'बड़ी उम्मीद के साथ इस बिल को पेश किया गया और नरेंद्र मोदी उम्मीदों पर खरे उतरे. विपक्ष तो स्तब्ध था कि सरकार ने सभी सवालों का जवाब दिया.'


विपक्ष पर किया जोरदार वार


स्मृति ईरानी ने कहा, 'विपक्ष कहता है कि ये बिल 'राइट टू इक्वालिटी' के खिलाफ है, लेकिन कानून के अन्दर बातें करना इसके खिलाफ कैसे हुआ. इस कानून के तहत सभी को कोर्ट, रेवन्यू आधिकारी के पास जाने का अधिकार होगा और इसके जरिए महिलाओं को सशक्त किया गया है.'


'जिनके अधिकार हैं, उन्हें पता ही नहीं'


उन्होंने कहा, 'इस कानून के तहत राज्यों की सरकार, जिले के आधिकारी, कोर्ट को अधिकार दिए गए हैं. आखिर किसी जमीन का यदि कोई मामला सामने आएगा तो उसे रेवन्यू आधिकारी ही तो सही कर सकता है. वक्फ बोर्ड के कई मामले सामने आए हैं जिनमें मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान मुतवल्ली ही बेच रहे हैं और जिनके अधिकार हैं उन्हें ही पता नहीं हैं.


वो बोलीं, 'देश के एक बोर्ड में तो तलाक, खुला और निकाह भी कराने का काम किया जाता है और उनकी वेबसाइट में साफ लिखा है. कई महिलाएं कह रही हैं कि उनका खुला जारी कर दिया गया और उन्हें पता भी नहीं है. वक्फ बोर्ड ने दाऊदी बोहरा समाज, मुस्लिम अहमदिया समाज को जमीन को वक्फ बोर्ड घोषित कर दिया गया और उन्हें मुस्लिम मानने से इंकार कर दिया, वो दर दर भटक रहे है. आखिर किसी न किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.'


विपक्ष के आरोपों पर दिया जवाब


विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, 'ओवैसी बताएं कि मुस्लिम महिलाओं को सम्मान देना नफरत फैलाना कैसे हुआ. कांग्रेस के राज में तो करोलबाग और दरियाबाद को पूरा का पूरा वक्फ बोर्ड को दे दिया गया था. सूरत की म्युनिसिपल पार्टी के दफ्तर को ही वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया था.'


उन्होंने कहा, 'अब तक वक्फ से पीड़ित व्यक्ति के पास कहीं जाने का अधिकार नहीं था, मैं नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देती हूं कि इस कानून के जरिए हर किसी को समानता का अधिकार होगा. इस कानून में हिंदुओ को रखने की बात कहां कही है? सरकार के किसी भी मंत्री अथवा पार्टी के व्यक्ति को नहीं रखा जाएगा. पूर्व जज, पूर्व अधिकारी को रखना कहा से गलत है.' उन्होंने कहा, 'जेपीसी को भेजने का फैसला भी सरकार का है तो विपक्ष की जीत कैसे हो गई?'


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