नए कृषि कानूनों पर जारी किसान आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके संभावित समाधान के लिए तीन सूत्रीय फॉर्मूला सरकार को सुझाया है. बीजेपी सांसद दावा है कि उनके दिए गए इन तीनों नियमों से किसानों का चला आ रहा 72 दिनों का आंदोलन खत्म हो जाएगा और दिल्ली सीमा पर एकजुट प्रदर्शनकारी किसान संभवत: अपने घर चले जाएंगे. उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.
अपने पत्र में स्वामी ने 'तीन नियमों' की पेशकश की, जो विवादित तीनों कृषि कानूनों में शामिल किए जा सकते हैं. जो विरोध करने वालों की मांग को पूरा करते हैं और साथ ही आंदोलन को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं. बीजेपी सांसद ने लिखा कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि कृषि कानूनों का कार्यान्वयन केवल इसे स्वीकार करने के लिए तैयार राज्यों तक सीमित होगा.
दूसरे शब्दों में कहें तो सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाव दिया है कि कानूनों को आवश्यक तौर पर देशभर में लागू नहीं किया जाएगा. इसकी जगह वे राज्य जहां के किसान कृषि सुधार संबंधी कानून चाहते हैं, वे केन्द्र सरकार को इस बारे में लिखित में दे सकते हैं, इसके बाद उन राज्यों में कानूनों को लागू किया जाएगा.
स्वामी ने पीएम को लिखते हुए कहा- "जो चाहते हैं कि नए कृषि सुधार संबंधी कानून लागू किया जाएं उन्हें उसके फायदे से वंचित नहीं रख जाना चाहिए, क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर पंजाब ही इस कानून को लागू नहीं करना चाहता है, चाहे हो बुरी वजह है या अच्छी. "
इस बीच, दूसरा नियम यह बताना चाहिए कि हर राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए पात्र होगा, जैसा कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध करने वालों की मांग है.
तीसरा सुब्रमण्यम स्वामी ने यह सुझाव दिया है कि अनाजों की खरीददारी सिर्फ वहां तक ही सीमित किया जाना चाहिए जहां पर कृषि व्यापार के अलावा दूसरा कोई और वाणिज्यिक और व्यावसायिक हित नहीं है.