BJP Slams Kharge: भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार (12 सितंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के वार पर पलटवार किया. दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर हमारी 20 सीटें और आ जातीं तो '400 पार' का नारा देने वाले जेल में होते.


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'ये बहुत आपत्तिजनक बयान है क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा हैं. कौन जेल में गया, ये अदालतें तय करती हैं, सरकारें तय नहीं करतीं. 20 सीटों पर तो आपका संसद में बहुमत भी नहीं होता. आपके जेल जाने वालों की तो लंबी फेहरिस्त है, आप लोग बेवजह 2014 के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाते हैं.'


कौन कब गया जेल?


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जिस नेशनल हेराल्ड केस में 50 हजार के मुचलके पर हैं वो अक्टूबर 2013 में शुरू हुआ और तब हमारी सरकार नहीं थी. कनिमोझी और ए राजा 2011 में जेल गए तब हमारी सरकार नहीं थी. आपके नेता सुरेश कलमाडी 2010 में जेल गए, झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन 2006 में जेल गए, झारखंड के सीएम मधु कोड़ा 20228 में जेल गए, करुणानिधि साल 2000 में जेल गए, मायावती और मुलायम सिंह यादव के ऊपर आय से अधिक की संपत्ति के मामले 2006 में जारी हुए. 1997 में लालू प्रसाद यादव जेल गए, 1996 में जयललिता जेल गईं. राजीव गांधी पर 1987 में आरोप लगे और एफआईआर 1990 में हुई, झारंखड मुक्ति मोर्चा रिश्वत कांड 1994 में हुआ. मल्लिकार्जुन खरगे को कुछ याद ही नहीं है.'


'ऐसा कोई साल नहीं है जब...'


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, '30-35 साल से जेल आने-जाने का सिलसिला जारी है. पिछले 30-35 सालों में ऐसी कोई लोकसभा नहीं है जिसके दौरान INDIA गठबंधन के किसी नेता ने जांच एजेंसी और अदालतों के चक्कर भ्रष्टाचार में ना काटे हों. मैं पूछना चाहता हूं कि अगर आपके ख्वाब के मुताबिक सीटें आ जातीं तो जेल से बाहर कौन होता. यासीन मलिक, शब्बीर शाह, शऊर अहमद, आसिया अंद्राबी, जितने भी पत्थर चलाने वाले और भारत के खिलाफ बोलने वाले थे सब बाहर आ जाते.'


'राष्ट्र विरोधी शक्तियों के साथ खड़े हो'


उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार आने के बाद न हमने कभी हुर्रियत नेताओं से बात की और न उन्हें कभी पाकिस्तान से बात करने दी. उस वक्त वो दिल्ली आते थे तो रेड कार्पेट बिछाया जाता था और अब आते हैं तो एनआईए और ईडी की पेशकश में आते हैं. अगर आप आर्टिकल 370 की बात कर रहे हैं तो एससी, एसटी और ओबीसी को जो अधिकार मिले हैं उन्हें समाप्त करने की बात कर रहे हैं. वाल्मिकी समाज दोबारा उसी परिस्थिति में पहुंचेगा और कश्मीर की लड़कियों को शादी करने के लिए जो बंदिश थी, अब वो बंदिशें फिर दोबारा लागू होंगी. बताएं कि आप राष्ट्र विरोधी शक्तियों के साथ क्यों खड़े हुए हैं? आप जम्मू कश्मीर की तरक्की के रास्ते में रोड़े बनकर क्यों खड़े हुए हैं.'


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