(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शिवसेना के 'मुगलिया' पलटवार पर बीजेपी नेता ने कहा- राष्ट्रपति शासन वाला बयान चेतावनी कैसे?
शिवसेना का कहना है कि चुनाव नतीजों के बाद सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. शिवसेना नतीजों के बाद से बीजेपी से मुख्यमंत्री का पद मांग रही है और बीजेपी इसके लिए राजी नहीं है.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी के खिलाफ साथ लड़ी बीजेपी-शिवसेना चुनाव बाद अब आपस में लड़ रही है. आज शिवसेना ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार नहीं बनने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मुगलिया धमकी है. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी से पूछा कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं?
दरअसल, शिवसेना ने फडणवीस सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था “तय समय में एक नयी सरकार बनानी होगी या फिर राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना होगा. अगर तय समय में सरकार गठित नहीं होती है तो राष्ट्रपति शासन लगेगा.”
अब शिवसेना के बयान के बाद मुनगंटीवार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा, ''हमसे पूछा गया था कि अगर सरकार समय पर नहीं बनती है तो क्या होगा, हमने बस जवाब दिया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा. मान लीजिए, यदि कोई शिक्षक छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देता है, तो क्या इसे चेतावनी के रूप में लिया जाता है?''
Sudhir Mungantiwar, BJP: We were asked what would happen if govt is not formed in time. We simply answered that according to provisions of constitution, President's rule will be imposed. Suppose, if a teacher answers queries of students, is it taken as warning? #Maharashtra pic.twitter.com/bppRpx2v8z
— ANI (@ANI) November 2, 2019
शिवसेना ने सामना में क्या कहा? सामना में कहा गया है, ''महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार शोभायात्रा बन गई है. शिवराय के महाराष्ट्र में ऐसी मजेदार शोभायात्रा होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? वर्तमान झमेला ‘शिवशाही’ नहीं है. राज्य की सरकार तो नहीं लेकिन विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं. धमकी और जांच एजेंसियों की जोर-जबरदस्ती का कुछ परिणाम न हो पाने से विदा होती सरकार के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने नई धमकी का शिगूफा छोड़ा है.''
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शिवसेना ने कहा, ''मुनगंटीवार और उनकी पार्टी के मन में कौन-सा जहर उबाल मार रहा है, ये इस वक्तव्य से समझा जा सकता है. कानून और संविधान का अभ्यास कम हो तो ये होता ही है या कानून और संविधान को दबाकर जो चाहिए वो करने की नीति इसके पीछे हो सकती है. एक तो राष्ट्रपति हमारी मुट्ठी में हैं या राष्ट्रपति की मुहरवाला रबर स्टैंप राज्य के ‘बीजेपी’ कार्यालय में ही रखा हुआ है और हमारा शासन नहीं आया तो स्टैंप का प्रयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का आपातकाल लाद सकते हैं, इस धमकी का जनता ये अर्थ समझे क्या?''
पार्टी ने कहा, ''सवाल इतना ही है कि महाराष्ट्र में सरकार क्यों नहीं बन रही है, इसका कारण कौन बताएगा? फिर से बीजेपी के ही मुख्यमंत्री बनने की घोषणा जिसने की होगी और सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया होगा तो उसके लिए क्या महाराष्ट्र की जनता को जिम्मेदार ठहराया जाए? और सरकार नहीं बनने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मुगलिया धमकी है.''
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं जबकि 288 सदस्यीय सदन में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं. प्रदेश में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है.
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