पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीख का अभी भले ही अभी ऐलान नहीं हुआ हो लेकिन सियासी वार-पलटवार के इतर हिंसा और पत्थरबाजी भी जमकर हो रही है. कोलकाता में बीजेपी की एक रैली के दौरान सोमवार को पत्थरबाजी हुई. रैली में शामिल लोगों पर पास से पत्थर फेंकते हुए देखे गए. इसके बाद हाल में टीएमसी से बीजेपी में शमिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा हि रैली के लिए पुलिस की इजाजत मांगी गई थी, लेकिन कुछ लोगों को पत्थर फेंकते हुए देखा गया.
अधिकारी ने आगे कहा- लेकिन, यह पैंतरा काम नहीं करेगा क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता हमारे साथ है और उन्होंने बदलाव के बारे में सोच लिया है. इस रैली में केन्द्रीय मंत्री देबश्री चौधरी, बंगाल बीजेपी अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी भी शामिल थे. शुभेंदु अधिकारी ने कहा- मिनी पाकिस्तान और जो कोलकाता कॉर्पोरेशन एमिमिस्ट्रेटर्स से जुड़े लड़के थे उन्होंने ये पत्थरबाजी की है. हमारे लड़कों को उनका पीछा करते हुए देखा गया. यह हमें मोदी जी की उन बातों को याद दिलाता है- 'घुस के मारा'.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर मई के आसपास चुनाव होने हैं. ऐसे में एक तरफ जहां सत्ताधारी टीएमसी सत्ता बरकरार रखना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी आक्रामक तरीके से टीएमसी के कई नेताओं को तोड़कर राज्य की सत्ता में आना चाहती है.
इससे पहले, सोमवार को ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह नंदीग्राम-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. ये सीट शुभेंदु अधिकारी का गढ़ है, ऐसे में ममता बनर्जी इस सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर शुभेंदु को उनके ही गढ़ में चुनौती दी है. ऐसा माना जा रहा है कि इसके जरिए ममता बनर्जी राज्य में यह संकेत देना चाहती है कि पार्टी पूरी तरह से फ्रंट पर लड़ रही है.
लेफ्ट का किला ढहाने में ममता बनर्जी को सिंगूर और नंदीग्राम से ही काफी मदद मिली थी. जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन यहीं पर हुआ था. जिसके बाद ममता ने लेफ्ट को सत्ता से बेदखल किया था.