(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की मांग के समर्थन में BJP की कागजी कार्रवाई पूरी, शुभेंदु ने ट्वीट कर किया हमला
इस मामले में पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु अधिकारी से सवाल किया कि क्या अधिकारी ने अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को कहा है जो पार्टी बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
कोलकाता: बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है. मुकल रॉय हाल ही में बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. हालांकि, अधिकारी ने कहा कि वह विधानसभा सचिवालय को दस्तावेज जमा नहीं कर सके, क्योंकि संबंधित कार्यालय बंद था.
तृणमूल कांग्रेस ने उनसे सवाल किया कि क्या अधिकारी ने अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को कहा है जो पार्टी बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
शुभेंदु अधिकारी ने इसको लेकर ट्वीट किया और मुकुल रॉय पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनावी सफलता का स्वाद चखने वाले मुकुल रॉय अयोग्य हैं. उन्होंने कृष्णानगर उत्तर सीट के मतदाताओं को धोखा देने से पहले इस्तीफा नहीं दिया."
Having tasted electoral success first time on a BJP ticket @MukulR_Official defected. Didn't resign before duping the electorate of Krishnanagar Uttar Constituency.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) June 18, 2021
Duly notified Hon Speaker WB Legislative Assembly @BimanBanerjee18 about the unlawful deed & sought prompt action. pic.twitter.com/kSqvor5TcX
मुकुल रॉय हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से जीते थे और 11 जून को वह वापस तृणमूल में लौट आए. वह 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे.
सदन में विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने बीजेपी के कमल चिह्न पर चुनाव जीते मुकुल रॉय को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में सभी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं. सदन का ‘रिसीव सेक्शन’ आज बंद था. अगर यह कल भी बंद मिला तो हम संबंधित दस्तावेज और अपना पत्र मेल करेंगे.’’
तृणमूल की राज्य इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि कानून अपना काम करेगा, लेकिन शुभेंदु अधिकारी को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘शुभेंदु को ऐसी मांगें करने से पहले आईना देखना चाहिए. क्या उन्होंने कभी अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के लिए कहा है, जो उन्होंने कांथी क्षेत्र से तृणमूल टिकट पर जीता था?’’