भोपाल: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान मंत्रिमंडल के आज हुये मंत्रिमंडल विस्तार ने प्रदेश बीजेपी की नयी राजनीति की इबारत लिख दी है. आज के विस्तार में साफ हो गया कि मंत्रिमंडल में अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बीजेपी में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में नयी चुनौती मिलेगी. मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों का तो बोलबाला है ही, शिवराज अपने पुराने साथियों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दे पाये हैं. साथ ही कई इलाके पूरी तरह प्रतिनिधित्व के अभाव में छूट गये हैं जिस पर उमा भारती ने ही आपत्ति जता दी है. उनका कहना है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय असंतुलन है.


मध्यप्रदेश के राजभवन में नव नियुक्त राज्यपाल ने आज शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. इसी के साथ तीन महीने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपनी पूरी टीम मिल गयी है. वरना इसके पहले वो लंबे समय तक अकेले फिर पांच मंत्रियों के साथ काम चला रहे थे. इस मंत्रिमंडल में बीस कैबिनेट और आठ राज्यमंत्री बनाये गये. शिवराज सिंह चौहान ने अपनी इस टीम पर संतोष जताया.


मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भोपाल से दिल्ली तक लंबी कवायद चली जिसमें किसे रखा जाये किसे नहीं इस पर लंबा मंथन हुआ मगर जो नाम सामने आये उसस ये साफ हो गया कि शिवराज अपने पुराने मंत्रिमंडल के साथियों को रख नहीं पाये. नये मंत्रिमंडल में बीजेपी में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर चली उनकी सुनी गयी और दस उनके समर्थकों को जगह दी गयी जिसमें पांच कैबिनेट और पांच राज्यमंत्री बनाये गये. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये मंत्रिमंडल नहीं जनसेवकों का विस्तार है.


इस मंत्रिमंडल पर आने वाले दिनों में होने वाले 24 उपचुनावों की छाया दिख रही है. कमलनाथ सरकार गिराने के लिये जिन बाइट विधायकों ने अपना पद छोड़ा उनको फिर चुनाव लडना है उनमें से बारह लोग मंत्री बन गये हैं. जिनमें से सोलह तो ग्वालियर चंबल इसलिये वहां से नौ लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. वैसे महाकौशल और विंध्य इलाके के किसी भी बड़े नेता को मंत्री नहीं बनाकर नाराजगी की वजह बढ़ा दी है जबकि बीजेपी को इस बार अच्छी सीटें इन्हीं दोनों अंचल से मिली थीं.


मगर नये बने मंत्री विश्वास सारंग किसी भी नाराजगी से इनकार करते है. मगर विरोध तो होने लगा है सिंधिया समर्थकों के ज्यादा जगह लेने से पार्टी के पुराने नेता उपेक्षित हो गये हैं. उनके समर्थक अब विरोध पर उतारू हो गये हैं. मंदसौर में यशपाल सिसोदिया को मंत्री नहीं बनाने पर उनके लोगों ने धरना शुरू कर दिया है तो इंदौर मं रमेश मेंदोला का मंत्री नहीं बनाने पर उनके समर्थक सोशल मीडिया पर आलाकमान को धमकाने लगे हैं. उधर कांग्रेस विवेक तन्खा ने इस मंत्रिमंडल गठन को असंवैधानिक और अनैतिक बताया हैं.


इस मंत्रिमंडल से तीन चीजें साफ है. पहला सिंधिया की मुहर दिख रही है दबदबा दिख रहा है. दूसरा उपचुनावों की छाप सामने आ रही है तीसरा बीजेपी में पीढ़ीगत बदलाव भी दिख रहा है नये नेताओं को सामने लाकर पुराने को साइड लाइन कर दिया गया है.


MP: बीजेपी में सिंधिया की एंट्री से उमा भारती नाराज, कहा- मंत्रिमंडल विस्तार में है जातीय असंतुलन