BJP leader warns Karnataka Government: उदुपी-चिक्कमगलूर के सांसद कोटा श्रीनिवास पूजारी ने कर्नाटक सरकार पर हिंदू त्योहारों को नियंत्रित करने के लिए एक “अदृश्य रणनीति” अपनाने का आरोप लगाया है. खासकर नागमंगल में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद शुक्रवार, 13 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए पूजारी ने गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर से अपनी निराशा जाहिर की हैं.


पूजारी का कहना है कि नागमंगल घटना में गणेश भक्तों पर पुलिस ने मामले दर्ज किए जबकि पत्थर फेंकने वालों को छोड़ दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस साल त्योहार की भावना को कमजोर करने के लिए कई नियम और शर्तें लागू की गई हैं. उन्होंने कहा, "सरकार ने हिंदू त्योहार को नियंत्रित करने के लिए एक अदृश्य रणनीति बनाई है."  


'कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेगी बीजेपी'


सांसद ने गृह मंत्री की घटना पर प्रतिक्रिया की भी आलोचना की, जिन्होंने कथित तौर पर कहा कि जुलूस के दौरान फेंके गए पत्थर गलती से आए थे. पूजारी ने राज्य की सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाया और गणेश चतुर्थी त्योहार पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर हमलावर दिखे. उन्होंने गणेश चतुर्थी पर लाउडस्पीकर बजाने पर लगी रोक को लेकर गुस्सा जाहिर किया.


उन्होंने कहा कि ये कार्रवाईयां कांग्रेस सरकार की ओर से उत्सव की खुशी को कम करने के लिए की जा रही हैं. उन्होंने कर्नाटक में कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा अत्याचार किए जाने की बात कही और चिंता जताया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लोगों का विश्वास सरकार पर से उठ गया, तो बीजेपी सड़कों पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ विरोध करेगी.


पत्थर फेंकने का क्या है मामला?


कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला शहर में बुधवार (11 सितंबर 2024) को गणपति जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़पों के बाद तनाव का माहौल पैदा हो गया. कथित तौर पर यह घटना तब हुई जब बदारीकोप्पालु के भक्त गणेश मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जा रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब जुलूस मुख्य सड़क से गुजर रहा था, उस पर कथित तौर पर मस्जिद के पास से पत्थर फेंके गए. 


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