BJP Leaders Letter To Ghaziabad DM: गाजियाबाद के डीएम पर बीजेपी नेताओं ने अपमानित करने का आरोप लगाया है कि डीएम ऑफिस में इन नेताओं को चाय पिलाने की बात सार्वजनिक तौर पर डीएम ने कही.


इससे नाराज पार्टी नेताओं ने डीएम को खत लिखकर चाय के लिए 700 रुपये भी भेजे हैं. साथ ही इस पत्र की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जारी की है जो सुर्खियों में है. तस्वीर के साथ ही रुपये को अटैच किया गया जिसमें 500 रुपये का एक नोट और दो नोट 100-100 रुपये के देखे जा सकते हैं.


क्या है मामला?
दरअसल, गाजियाबाद के गंगाजल प्लांट पर रविवार (24 दिसंबर) सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विदाई के वक्त 12 वरिष्ठ बीजेपी नेता पहुंचे थे. इन सभी नेताओं ने गाजियाबाद जिलाधिकारी पर अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनके कैंप कार्यालय पर नाराजगी भरे पत्र के साथ 700 रुपये भिजवाए हैं. हालांकि, डीएम ऑफिस में किसी ने यह धनारिश रिसीव नहीं की. इसके बाद बीजेपी नेता अब स्पीड पोस्ट से 700 रुपये और पत्र भेजने की बात कह रहे हैं.


ये नेता पहुंचे थे मिलने


सूत्रों के मुताबिक, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, पूर्व विधायक रूप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, पृथ्वी सिंह, अजय शर्मा, पवन गोयल, विजय गोयल, अनिल स्वामी, डॉ. वीरेश्वर त्यागी, राजेंद्र त्यागी और सरदार एसपी सिंह को मुख्यमंत्री के प्रस्थान के समय उपस्थित रहने के पास जारी किए गए थे. मुख्यमंत्री को सुबह साढ़े नौ बजे गौतमबुद्ध नगर के लिए निकलना था. सभी नेता समय से गेस्ट हाउस पहुंच गए. नेताओं को एक हॉल में बैठाकर प्रशासनिक अधिकारियों ने चाय पिलाई.


नेताओं को लाइनअप होने के लिए कहने पर बढ़ा विवाद
दावा है कि डीएम की ओर से इन नेताओं को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा. आरोप है कि एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री के प्रस्थान की बात कहते हुए नेताओं को लाइनअप होने को कहा. इस पर कई नेताओं ने आपत्ति जताई कि उन्हें भेंट के लिए बुलाया गया था, इतने वरिष्ठ नेता लाइन अप होकर सीएम से नहीं मिलेंगे और सभी नेता मुख्य द्वार की ओर बढ़ने लगे.


 इस बीच मौके पर पहुंचकर बीजेपी के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा व जिलाधिकारी ने नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास किया, मगर नेता वापस लौटने को राजी नहीं हुए.


'आप लोगों का पूरा ख्याल रखा गया, चाय पिलाई, नाश्ते के लिए पूछा'
सूत्रों के मुताबिक, इसी दौरान जिलाधिकारी ने नेताओं से कहा कि आप लोगों को पूरा ध्यान रखा गया है. नाश्ते के लिए पूछा गया. चाय भी पिलाई है. इस पर नेता और नाराज हो गए और सीएम से मिले बगैर ही वहां से बाहर निकल गए. उनका आरोप है कि जिलाधिकारी ने चाय पिलाने और नाश्ता करवाने की बात सार्वजनिक तौर पर कह कर अपमानित किया है.


इसके बाद एक नेता के घर पर सभी नाराज नेता जमा हुए और जिलाधिकारी को अपनी नारजगी का पत्र लिखा है. साथ ही प्रति चाय की कीमत के हिसाब से 700 रुपये नत्थी कर एक व्यक्ति के हाथ से जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर भिजवाए, मगर वहां मौजूद स्टाफ ने पत्र व रुपये लौटा दिए. 


जिलाधिकारी की सफाई
इस मामले पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी आरके सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है, ''पास अब जिलाधिकारी कार्यालय के बजाय कमिश्नरेट से जारी होते हैं. जहां तक मेरी जानकारी है नेताओं के सेंड ऑफ पास' ही जारी हुए थे. लाइनअप वाली बात के समय मैं मौके पर मौजूद नहीं था. मैं बाद में वहां पहुंचा. चाय की बात मैंने सम्मान के संदर्भ में कही थी. कुछ नकारात्मक बात जताने के लिए नहीं.''


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