BJP Slams Congress Over George Soros Row: अरबपति हंगरियन-अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस (George Soros) की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को निशाना बनाए जाने के बाद, बीजेपी (BJP) ने मामले के तार कांग्रेस (Congress) से जुड़े हुए बताए हैं. हालांकि, कांग्रेस ने जॉर्ज सोरोस के बयान का समर्थन नहीं किया है. 


बीजेपी का आरोप है कि जॉर्ज सोरोस के लोग कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुए थे. बीजेपी नेताओं ने 'ओपन सोसाइटी फाउंडेशन' नाम के एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) का नाम लिया है. बीजेपी नेताओं का दावा है कि यह एनजीओ जॉर्ज सोरोस की ओर से वित्त पोषित है और इसके उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुए थे. 


जॉर्ज सोरोस को लेकर बीजेपी का कांग्रेस पर निशाना


बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शुक्रवार (17 फरवरी) को सलिल शेट्टी की तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ''जॉर्ज सोरोस के भारत विरोधी दोषारोपण के खिलाफ भारत एकजुट है. एक राष्ट्र के रूप में हम इनके जैसे कमजोर बौने लोगों से निपटने में सक्षम हैं, ज्यादा चिंता की बात यह है कि उनके सहयोगी सलिल शेट्टी हैं जो जॉर्ज सोरोस की ओर से वित्त पोषित एक NGO के उपाध्यक्ष हैं, जो हाथ में हाथ डालकर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ चले थे.''






भाटिया ने कांग्रेस और जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधते हुए और भी ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने राहुल गांधी को कठपुतली के रूप में दिखाया है, जिसमें उनकी कमान जॉर्ज सोरोस के हाथ में दिख रही है और कैप्शन में लिखा है, ''यह रिश्ता क्या कहलाता है?'' 


शहजाद पूनावाला ने यह कहा


वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अपना एक वीडियो शुक्रवार (17 फरवरी) को ट्वीट किया, जिसमें वह जॉर्ज सोरोस मामले पर कांग्रेस के खिलाफ हमलावर दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ''जयराम रमेश और कांग्रेस का मासूमियत से अपना पल्ला जॉर्ज सोरोस के बयान से झाड़ने का जो प्रयास किया जा रहा है वो नहीं चल पाएगा क्योंकि जयराम रमेश जी आपको तो मूवी के टाइटल अच्छे लगते हैं, ये हम आपके हैं कौन नहीं, ये हम साथ-साथ है का परिचायक है. जिस प्रकार से प्रवीण चक्रवर्ती कोई छोटे-मोटे नेता नहीं, राहुल गांधी के खासम-खास ने जॉर्ज सोरोस के एजेंडे-प्रोपेगेंडा को ट्वीट करके उसको प्रोपोगेट करने का काम किया है.'' शहजाद पूनावाला के मुताबिक, जॉर्ज सोरोस अपने धन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए करते हैं. 






बता दें कि ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट से पहले सलिल शेट्टी एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव थे. उन्होंने कथित तौर पर कोरोनाकाल में फाइजर और मॉडर्ना के टीकों के इस्तेमाल की वकालत की थी. वह सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भी देखे गए थे.


कौन हैं जॉर्ज सोरोस और क्या है विवाद?


92 वर्षीय जॉर्ज सोरोस अरबों की संपत्ति के मालिक हंगरियन-अमेरिकी निवेशक हैं. उन पर देशों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगता है. गुरुवार (16 फरवरी) को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय कारोबारी गौतम अडानी के बीच संबंधों की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अडानी के स्टॉक हेरफेर और उनके ढह जाने पर भारत के पीएम मोदी चुप हैं लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों को और संसद में जवाब देना होगा. सोरोस ने दावा किया था कि अडानी समूह में हुई उथल-पुथल भारत में लोकतांत्र के पुन: उद्धार का दरवाजा खोल सकती है.


जॉर्ज सोरोस पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका, रूस और चीन में राष्ट्रवादियों के खिलाफ लड़ने के लिए करोड़ों डॉलर बहाए. भारत सरकार की ओर से सोरोस के बयान की निंदा की जा चुकी है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऐसे लोग एक नैरेटिव को आकार देने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने सोरोस को खतरनाक करार दिया.


कांग्रेस ने जॉर्ज सोरोस के बयान का समर्थन नहीं किया है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के मुताबिक, सोरोस ने जो कहा उससे वो सहमत नहीं है. भारत की जनता तय करेगी कि भारत सरकार में कौन रहेगा और कौन बाहर होगा. उन्होंने यह भी कहा, ''मुझे नहीं पता था कि मोदी सरकार इतनी कमजोर है कि 92 साल के एक अमीर विदेशी नागरिक के छिटपुट बयान से उसे गिराया जा सकता है.''


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