बीजेपी नेता सरोज पांडेय ने राहुल गांधी के बारे में दिया विवादास्पद बयान-कहा 'मंद बुद्धि'
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला मुख्यालय में गुरूवार को बुद्धिजीवियों और शहर के वरिष्ठ नागरिकों के साथ बैठक के दौरान पांडेय ने राहुल गांधी को ‘मंद बुद्धि’ कह दिया.
नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘मंद बुद्धि’ कह दिया. कांग्रेस ने इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि पांडेय मानसिक दिवालियेपन के दौर से गुजर रही हैं.राज्य के दुर्ग जिला मुख्यालय में गुरूवार को बुद्धिजीवियों और शहर के वरिष्ठ नागरिकों के साथ बैठक के दौरान पांडेय ने राहुल गांधी को ‘मंद बुद्धि’ कह दिया.
The kind of things he says are surprising. He is definitely trying to learn but there is an age to learn, a person who learns after the age of 40 cannot be called learned, such a person is called 'mand-buddhi': Saroj Pandey, BJP in Chhattisgarh's Durg on Rahul Gandhi (21.06) pic.twitter.com/piEIVa7kLL
— ANI (@ANI) June 22, 2018
पांडेय ने कहा ‘विपक्षी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस प्रकार की बात करते हैं. आश्चर्य होता है उनके बाडी लैंग्वेज को लेकर. जिस प्रकार से वह व्यवहार करते हैं. वह सीखने की कोशिश जरूर कर रहे हैं. लेकिन सीखने की भी एक उम्र होती है. चालीस के बाद जो सीखता है वह सीखा हुआ व्यक्ति नहीं कहा जाता. मंद बुद्धि कहलाता है.’ बीजेपी नेत्री की इस टिप्पणी के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पांडेय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि सरोज पांडेय मानसिक दिवालियेपन के दौर से गुजर रही हैं.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने आज यहां कहा कि सरोज पांडेय के बयान से साफ हो रहा है कि वह मानसिक दिवालियेपन के दौर से गुजर रही हैं. इसमें उनकी नहीं उनके संघपोषित भाजपाई संस्कारों की गलती है. शुक्ला ने कहा कि बीजेपी राहुल गांधी की देश में बढ़ती स्वीकार्यता और लोकप्रियता से घबरा गई है. इसी बौखलाहट में भाजपा के नेताओं को राहुल गांधी के बारे अनर्गल प्रलाप करते रहने के लिये कहा जा रहा है.
पिछले साल अक्टूबर में बीजेपी की वरिष्ठ नेता पांडेय ने केरल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर हमला और हत्या के मामले को लेकर भी टिप्पणी की थी. जिसके बाद वह विपक्षी दलों के निशाने पर थी.