नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर बीते एक हफ्ते से जारी सस्पेंस खत्म हो गया है. केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक में जयराम ठाकुर का नाम तय किया गया. चुनाव में सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद नए सीएम को लेकर सस्पेंस बरकार था. आखीरी दौर तक जय राम ठाकुर के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा रेस में थे.
जयराम ठाकुर 27 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. ABP न्यूज़ से खास बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि वो जनता के सपनों को साकार करेंगे.
हिमाचल में पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर ने कहा, ''आज सबसे पहले बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक हुई. इस चर्चा में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संसदीय बोर्ड के निर्णय को सबके सामने रखा गया. इसके बाद विधान मंडल की बैठक में प्रेम कुमार धूमल जी ने जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा. इस पर सभी विधायकों ने समर्थन किया.''
विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद जयराम ठाकुर ने कहा, "मैं सभी का धन्यवाद देता हूं, सभी विधायकों का भी धन्यवाद जिन्होंने मुझे अपना नेता चुना. हम सब हिमाचल में बीजेपी की जीत का इंतजार कर रहे थे. हिमाचल कांग्रेस मुक्त हुआ है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का, पार्टी के राष्ट्री अध्यक्ष अमित शाह जी और सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हैं. हम कोशिश करेंगे कि जनता और केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों को पूरा कर पाऊं.''
विधायक दल की बैठक के साथ ही प्रदेश की कोर कमेटी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को भी शिमला पहुंचने को कहा गया था. शांता कुमार के साथ बीजेपी के सभी सांसद सुबह शिमला पहुंचे.
कौन हैं जयराम ठाकुर?
हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर का शुमार एक सीनियर नेता के तौर पर होता है. आरएसएस से जुड़ाव और एबीवीपी के जरिए राजनीति में कदम रखने वाले जयराम ठाकुर सूबे के एक ईमानदार और गैर विवादित छवि के नेता हैं.
जयराम ठाकुर पांच बार के विधायक हैं. इस बार मंडी जिले के सेराज सीट से विधायक चुने गए. जयराम ठाकुर पहली बार 1998 में विधायक बने और तब से ही सूबे की राजनीति में उनका एक बड़ा कद रहा है. 2009-2013 के बीच वो हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. 52 साल के जयराम ठाकुर अपनी साफ-सुथरी छवि के साथ प्रेम कुमार धूमल की सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. वो ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रहे हैं. क्षत्रीय परिवार में जन्मे जयराम ठाकुर ने अपनी पढ़ाई सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की. ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने एबीवीपी ज्वाइन किया और वहीं से राजनीति में कदम रखा.
क्यों चुने गए?
जयराम ठाकुर की साफ सुथरी छवि और गैर विवादित होना उनकी सबसे बड़ी पूंजी है.
जयराम ठाकुर के चयन के साथ ही हिमाचल प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के हाथों में चला गया है. इससे पहले हिमाचल में सत्ता की कमान प्रेम कुमार धूमल और वीरभद्र सिंह की पुरानी पीढ़ी के पास थी जिनकी उम्र 70 से ऊपर है. वीरभद्र सिंह तो 80 पार कर चुके हैं.