बंगाल में बीजेपी को लग सकता है एक और झटका, बाबुल सुप्रियो के बाद लॉकेट चटर्जी के TMC में जाने की अटकलें
कई कारणों से लॉकेट चटर्जी पार्टी में ख़ुद को अलग-थलग महसूस कर रही हैं. वो बंगाल में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रमुख थीं, लेकिन उनको हटाकर अग्निमित्रा पॉल को महिला मोर्चे की ज़िम्मेदारी दे दी गई.
नई दिल्ली: बंगाल में बीजेपी की चुनावी हार के बाद एक और झटका लगता नज़र आ रहा है. बाबुल सुप्रियो के बाद अब हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी के भी पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही हैं. सूत्रों के मुताबिक़ टीएमसी नेतृत्व लॉकेट चटर्जी से बातचीत कर रहा है. टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया है कि लॉकेट चटर्जी ने भवानीपुर में बीजेपी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है. कुणाल घोष ने उन्हें धन्यवाद भी दिया. कुणाल घोष के ट्वीट के बाद से अटकलों का बाजार और गर्म हो गया.
कुणाल घोष ने लिखा, ''भवानीपुर में चुनाव प्रचार नहीं करने के लिए स्टार प्रचारक लॉकेट चटर्जी को धन्यवाद और बधाई. भाजपा के कई बार अनुरोध करने के बाद भी आप नहीं गईं. एक मित्र के रूप में आप जहां भी हों, आपकी सफलता की कामना करते हैं. दुनिया बहुत छोटी है. आशा है कि वे दिन फिर से लौटेंगे जब आपने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी.''
जानकारी के मुताबिक कई कारणों से लॉकेट चटर्जी पार्टी में ख़ुद को अलग-थलग महसूस कर रही हैं. वो बंगाल में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रमुख थीं, लेकिन उनको हटाकर अग्निमित्रा पॉल को महिला मोर्चे की ज़िम्मेदारी दे दी गई. मोदी कैबिनेट के विस्तार में भी जगह नहीं मिलने के कारण लॉकेट नाराज़ हैं. इसके साथ ही सांसद होने के बावजूद उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारने के फ़ैसले से लॉकेट ख़ुश नहीं हैं. इस पूरे मामले पर अभी तक लॉकेट चटर्जी की प्रतिक्रिया नहीं आया है. बता दें कि बीजेपी ने लॉकेट चटर्जी को हाल ही में उत्तराखंड चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाया है.
भवानीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने जिन स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में स्मृति ईरानी, हरदीप पुरी, शहनवाज हुसैन, मनोज तिवारी, दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी, राहुल सिन्हा, स्वपन दासगुप्ता, अनिर्बान गांगुली, बाबुल सुप्रियो, रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी और दिनेश त्रिवेदी के नाम शामिल हैं.
भवानीपुर में मुख्मंत्री ममता बनर्जी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम में बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी से हार गयी थीं. पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव से ममता बनर्जी को राज्य विधानसभा की सदस्य बने रहने का मौका मिलेगा. अगर उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बने रहना है तो उन्हें 5 नवंबर के भीतर किसी भी विधानसभा सीट से जीतना होगा.
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