Delhi Politics: दिल्ली में बीजेपी बना सकती है दो डिप्टी CM, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?
दिल्ली में सरकार गठन को लेकर बीजेपी के भीतर चल रही चर्चाओं के बीच पार्टी राजधानी को मिनी इंडिया के रूप में दिखाने के लिए नई कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्री रखने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.
Delhi Politics: दिल्ली में सरकार गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर जारी मंथन के बीच पार्टी राजधानी को ‘मिनी भारत’ के रूप में दर्शाने के लिए नये मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री को शामिल करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है.
पार्टी नेताओं ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार में दो उपमुख्यमंत्री रखने के कदम से पार्टी को विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के विधायकों को समायोजित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘इसकी बहुत संभावना है, क्योंकि ऐसा कई अन्य राज्यों में भी किया गया है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि के नेताओं को समायोजित करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं. भाजपा शासित मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ऐसा किया गया है.’’
'राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा इस पर अंतिम फैसला लेगा'
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह प्रस्ताव राष्ट्रीय नेतृत्व के विचाराधीन है, जो इस पर अंतिम फैसला लेगा. इसके अलावा, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के नामों पर भी अंतिम फैसला लिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे से सप्ताहांत स्वदेश लौटने के बाद दिल्ली में सरकार गठन की प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है. पार्टी नेताओं ने बताया कि सदन के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होने की संभावना है, जो दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री होगा.
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कई भाजपा विधायकों के नामों की चर्चा है. इनमें प्रवेश वर्मा शामिल हैं, जिन्होंने नयी दिल्ली सीट से ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया. इसके अलावा, दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रमुख विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय और मनजिंदर सिंह सिरसा, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता व शिखा राय जैसे वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं. पार्टी नेताओं ने करनैल सिंह और राज कुमार भाटिया जैसे कुछ नवनिर्वाचित विधायकों के नाम भी लिए, जिन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित दावेदार बताया जा रहा है.
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